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दिल्ली के ध्यानार्थ: सरल इंडिया कंपनी में फंसे सवा लाख निकलवाने के नाम पर 38 लाख रुपये की ठगी, दो गिरफ्तार

- नग्गल थाना पुलिस में अगस्त 2019 में अवतार सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 08:10 AM (IST)
दिल्ली के ध्यानार्थ: सरल इंडिया कंपनी में फंसे सवा लाख निकलवाने के नाम पर 38 लाख रुपये की ठगी, दो गिरफ्तार
दिल्ली के ध्यानार्थ: सरल इंडिया कंपनी में फंसे सवा लाख निकलवाने के नाम पर 38 लाख रुपये की ठगी, दो गिरफ्तार

- नग्गल थाना पुलिस में अगस्त 2019 में अवतार सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला फोटो- 30 जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :

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सरल इंडिया कंपनी में फंसे सवा लाख रुपये निकलवाने के नाम पर अवतार सिंह से 38 लाख ठगने के मामले में विजिलेंस टीम ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान दिल्ली के दयालपुर निवासी मोहम्मद जावेद खान व पुराना मुस्ताफाबाद निवासी वासिम अहमद के रूप में हुई है। आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन दिन का पुलिस रिमांड मंजूर हुआ है। पूछताछ में पता लगाया जाएगा इस ठगी में उनके साथ और कौन-कौन लोग संलिप्त हैं। बता दें यह केस गांव मियां माजरा निवासी अवतार सिंह की शिकायत पर नग्गल थाना में नौ अगस्त 2019 को दर्ज किया गया था। तब से पुलिस मामले के आरोपितों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई थी। इस तरह से अवतार सिंह फंसा था झांसे में

उस दौरान पुलिस को दी शिकायत में गांव मियां माजरा निवासी अवतार सिंह ने बताया कि वह खेती करता है। उसने सरल इंडिया नाम की कंपनी में निवेश किया था। करीब सवा लाख रुपये लगाने के बाद यह कंपनी फरार हो गई थी। करीब एक साल पहले उसके पास किसी ने फोन किया और खुद को डीआरडीए का अधिकारी बताया। उसने कहा कि जिन लोगों के इस तरह की कंपनी में पैसे फंसते हैं वह उसे निकलवाने का काम करते हैं। यदि सवा लाख रुपये निकलवाने हैं तो 11 हजार 200 रुपये अकाउंट में जमा करवा दो। अवतार सिंह झांसे में आ गया और राशि जमा करवा दी। इस तरह आरोपित अलग-अलग अकाउंट नंबर देते रहे और वह कभी 10 हजार तो कभी 20 हजार रुपये खातों में डलवाता रहा। यह राशि उसने कभी अपने रिश्तेदारों से ली तो कुछ राशि आढ़ती तो कुछ अपने गांव में पड़ोसियों व जानकारों से ली। इस तरह अवतार सिंह आरोपित के अलग-अलग खातों में 38 लाख 21 हजार रुपये से ज्यादा की राशि जमा करवा दी। लेकिन जब सवा लाख रुपये और बाद में जमा करवाए हुए 38 लाख दोनों में से कुछ नहीं मिला तो उसे एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है।


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