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जागरण इम्पैक्ट : रेलवे कसेगा राइट्स पर नकेल, टेंडरिंग की शर्तों में किया बदलाव

दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद भारतीय रेलवे ने सिस्टम में सुधार के संकेत दिए हैं। केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) ने आदेश जारी कर नई व्यवस्था को लागू कर दिया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 09:46 AM (IST)
जागरण इम्पैक्ट : रेलवे कसेगा राइट्स पर नकेल, टेंडरिंग की शर्तों में किया बदलाव
जागरण इम्पैक्ट : रेलवे कसेगा राइट्स पर नकेल, टेंडरिंग की शर्तों में किया बदलाव

अंबाला [दीपक बहल]। दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद भारतीय रेलवे ने सिस्टम में सुधार के संकेत दिए हैं। पहला सुधार राइट्स यानी परियोजनाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाने वाली वाली रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज लिमिटेड के कामकाज को दुरुस्त करने को लेकर है। राइट्स पर नकेल कसने का काम शुरू हो गया है। टेंडरिंग की शर्तों में बदलाव कर दिया गया है। केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) ने आदेश जारी कर नई व्यवस्था को लागू कर दिया है।

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अब निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाली निजी कंपनियों को माल पर अपना मार्का भी लगाना होगा ताकि माल के गड़बड़ पाए जाने पर आपूर्तिकर्ता की पहचान स्पष्ट हो सके। राइट्स द्वारा माल की गुणवत्ता को जांचने-परखने के बाद ही आपूर्ति के लिए हरी झंडी दी जाती थी, लेकिन अब राइट्स की अनुशंसा पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे क्रॉस चेक किया जाएगा।

दरअसल, राइट्स से प्रमाण पत्र मिलने के बाद रेलवे आपूर्तिकर्ता द्वारा भेजी जा रही सामग्री की गुणवत्ता और वजन की जांच नहीं कराता है, लेकिन अब औचक निरीक्षण कर डिपो में आ चुके सैंपल की जांच की जाएगी।

देशभर में ट्रैक विद्युतीकरण परियोजनाओं में मानक से कम वजन के स्टील स्ट्रक्चर्स खड़े किए जाने और इसमें बड़ा घोटाला होने का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने किया था। इसके बाद सीबीआइ जांच शुरू हो सकी। यह जांच फिलहाल जारी है। अभी तक न तो भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ, न ही किसी अफसर की जिम्मेदारी तय कर कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है।

इधर, इलाहाबाद स्थित कोर के महाप्रबंधक रतनलाल ने देशभर के 11 मुख्य परियोजना अधिकारी, विद्युतीकरण (सीपीडी) को लिखित आदेश जारी कर उक्त सुधारों को लागू कर दिया है। इसके अतिरिक्त दो और बड़े बदलाव किए गए हैं। टेंडर में शर्त रखी गई है कि रेलवे डिपो में भी स्ट्रक्चर्स के वजन के लिए मशीन उपलब्ध होनी चाहिए।

विदित हो कि दैनिक जागरण ने 24 फरवरी को ‘अफसरों ने दांव पर लगा दी यात्रियों की सुरक्षा, खंभों में घटाया स्टील शीर्षक’ से खबर प्रकाशित कर रेलवे विद्युतीकरण में हुए स्टील घोटाले का पर्दाफाश किया था। इससे जम्मू-ऊधमपुर, ऊधमपुर-कटरा, गाजियाबाद-मुरादाबाद और कोझिकोड-कन्नूर के रेलपथ विद्युतीकरण में मानक से 19 फीसद तक कम वजन के स्टील स्ट्रक्चर्स खड़े किए जाने का मामला पूरी तरह उजागर हुआ।

मामले की जांच विजिलेंस और सीबीआइ कर रही है। जो भी रिपोर्ट आएगी, कार्रवाई की जाएगी। घोटाले में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वैसे तो राइट्स निरीक्षण करता है, लेकिन अब हमारे अधिकारी भी वजन करेंगे। यदि वजन कम होता है तो राइट्स को मौके पर बुलवाएंगे और संबंधित कंपनी को भी बुलवाएंगे। वजन करवाने वाली मशीन उपलब्ध करवाने के लिए सीपीडी को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

मटीरियल पर भी कंपनी का मार्का अनिवार्य करवा दिया गया है ताकि बाद में पता चल सके कि माल किस कंपनी की सप्लाई से आया। जो हो चुका है उसकी जांच चल रही है, लेकिन आगे से ऐसा न हो, इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। दागी कंपनी पर रोक का फैसला जांच के बाद ही होगा। 
-रतन लाल, महाप्रबंधक, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर)

राइट्स की गलत कार्यप्रणाली रेलवे पर पड़ रही भारी
देशभर में रेलवे विद्युतीकरण सहित रेलवे की अन्य परियोजनाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का अहम जिम्मा संभालने वाली रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज लिमिटेड (राइट्स) की संदेहास्पद कार्यप्रणाली रेलवे पर भारी पड़ रही है। हाल में अनेक खंडों पर हुए विद्युतीकरण में निर्माण सामग्री के मानक न पाए जाने का मामला विजिलेंस से लेकर सीबीआइ जांच तक पहुंचा, इन सभी परियोजनाओं में लगाई गई निर्माण सामग्रियों को हरी झंडी राइट्स ने ही दी थी। रेलवे की साख और अनगिनत यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी क्यों की गई, यह सबसे बड़ा सवाल है जो राइट्स को संदेह के घेरे में ला खड़ा करता है। सीबीआइ जांच को यदि गति मिलती है तो राइट्स के अधिकारियों और कार्यप्रणाली पर गाज गिरना तय है।

रेल राज्य मंत्री ने कहा, बख्शे नहीं जाएंगे रेलवे विद्युतीकरण घोटाले के दोषी
जम्मू से ऊधमपुर, ऊधमपुर से कटड़ा, गाजियाबाद से मुरादाबाद और कोझिकोड से कन्नूर रेलवे लाइन के विद्युतीकरण में मानक से कम वजन का स्टील स्ट्रक्चर लगा करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले दोषी रेल अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपों की जाच सीबीआइ कर रही है इस लिए किसी नई जाच एजेंसी से इस मामले की जाच करवाने की फिलहाल जरूरत नहीं है। यह दावा रेल राज्य मंत्री राजेन गोहाई ने जम्मू के एक दिवसीय दौरे के दौरान दैनिक जागरण से बातचीत में किया। 


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