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रेलवे के स्टील घोटाले में सीबीआइ की छापामारी, मनवाल डिपो में कराया वजन

रेलवे में घोटाले में सीबीआइ ने की छापामारी

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 03:00 AM (IST)
रेलवे के स्टील घोटाले में सीबीआइ की छापामारी, मनवाल डिपो में कराया वजन
रेलवे के स्टील घोटाले में सीबीआइ की छापामारी, मनवाल डिपो में कराया वजन

:: जागरण प्रभाव ::

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पूर्व में छपी खबर का फोटो भी भेजा गया है।

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-रेलवे के तीन सेक्शन में करोड़ों के भ्रष्टाचार में कार्रवाई अफसरों में मचा हड़कंप

-दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश करने के बाद सीबीआइ ने रेलवे विजिलेंस की मौजूदगी में की जांच

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दीपक बहल, अंबाला

रेलवे के तीन सेक्शन के स्ट्रक्चर्स में हुए स्टील घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंप दी गई है। जांच हाथ में आते ही सीबीआइ ने जम्मू के मनवाल स्थित अस्थाई डिपो में छापामारी की। जांच टीम ने डिपो में रखे स्ट्रक्चर्स का वजन कराया। छापामारी के दौरान रेलवे विजिलेंस और रेल विभाग के आला अधिकारी भी साथ मौजूद रहे। सीबीआइ की छापामारी से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में स्टील कम होने की बात सामने आई है। हालांकि, इलाहाबाद स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) की विजिलेंस टीम इस घोटाले की पहले से जांच कर रही हैं

सीबीआइ की टीम मनवाल स्थित रेलवे के अस्थाई डिपो पहुंची तो तीन सेक्शन का स्ट्रक्चर्स का कुछ सामान वहां मिला। इसमें पठानकोट-जम्मू, जम्मू से ऊधमपुर और ऊधमपुर से कटरा सेक्शन में उपयोग किया जाने वाला सामाना था। सीबीआइ के इंस्पेक्टर सुख¨वद्र ¨सह के नेतृत्व में टीम ने अपने सामने सामान का वजन कराया। ऊधमपुर-कटरा में उपयोग किए गए स्टील का वजन मानकों से कम पाया गया है। दैनिक जागरण ने 24 फरवरी के अंक में 'अफसरों ने दांव पर लगा दी यात्रियों की सुरक्षा, खंभों में घटाया स्टील' शीर्षक से करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश किया था।

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यह है मामला

अंबाला स्थित विद्युतीकरण कार्यालय से जम्मू से ऊधमपुर, ऊधमपुर से कटरा व गाजियाबाद से मुरादाबाद के तीन अलग सेक्शन में अलग-अलग कंपनियों को विद्युतीकरण का टेंडर अलॉट किया था।

रेलवे विद्युतीकरण के दौरान उपयोग किए जाने वाले स्ट्रक्चर्स (ट्रैक के साथ लगाए जाने वाले खंभे और ढांचे जो बिजली के तारों को स्पॉट करते हैं) में स्टील का वजन मानकों से 13 से 15 फीसद कंपनियों ने कम करके लगा दिया। मैटेरियल रिसीव सर्टिफिकेट (एमआरसी) पर प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर कागजों में ही वजन पूरा कर दिया। करीब तीन साल पहले मामला कोर तक पहुंचा जिसकी जांच विजिलेंस कर रही थी। अब मामला सीबीआइ के हाथों में पहुंच गया है।

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इस संबंध में कुछ नहीं बता सकते : सीपीडी

चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर (रेल विद्युतीकरण) अंबाला ने कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं बता सकते। मामले की जांच की जा रही है।

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अंबाला से सभी फाइलें ले जा चुकी है विजिलेंस

इलाहाबाद स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) की विजिलेंस इस घोटाले संबंधित सभी फाइलें अंबाला स्थित सीपीडी कार्यालय से पहले ही लेकर जा चुकी है। यहां तक की स्ट्रक्चर्स का सामान सप्लाई करने वाली कंपनियों से भी जवाब तलब किया जा चुका है, ¨कतु लंबे समय बाद भी न तो किसी कंपनी को ब्लेक लिस्ट किया गया और न ही किसी अफसर पर कोई कार्रवाई की गई।

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वजन कराया गया : सीबीआइ

सीबीआइ के एक अधिकारी ने छापामारी की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है। किसी के भी खिलाफ अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है। मनवाल डिपो में सामान का वजन कराया गया है।

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