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शपथ समारोह के बाद ही टूटा प्रोटोकाल, मेयर बोलीं - अफसोस नहीं, कमिश्नर की सफाई - ऐसा नहीं

पुलिस आडिटोरियम में अंबाला शहर की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेयर शक्तिरानी शर्मा नगर निगम कार्यालय पहुंचीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:00 AM (IST)
शपथ समारोह के बाद ही टूटा प्रोटोकाल, मेयर बोलीं - अफसोस नहीं, कमिश्नर की सफाई - ऐसा नहीं
शपथ समारोह के बाद ही टूटा प्रोटोकाल, मेयर बोलीं - अफसोस नहीं, कमिश्नर की सफाई - ऐसा नहीं

जागरण संवाददाता, अंबाला : पुलिस आडिटोरियम में अंबाला शहर की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेयर शक्तिरानी शर्मा नगर निगम कार्यालय पहुंचीं। यहां पहले दिन ही प्रोटोकाल टूट गया। निगम में मेयर के स्वागत के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। इनोवा से उतरने के बाद मेयर सीधा अपने चैंबर में गई तो यहां भी सन्नाटा था। मेयर कुर्सी पर बैठीं ही नहीं और सीधा निगम आयुक्त पार्थ गुप्ता के चैंबर में चलीं गईं। यहां मेयर और पार्थ गुप्ता के बीच कुछ देर तक बातचीत होती रही। इसके बाद आयुक्त मेयर के साथ उनके चैंबर में आए और शक्तिरानी शर्मा को कुर्सी पर बैठाया।

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मीडिया से बातचीत के दौरान शक्तिरानी शर्मा ने साथ मिलकर विकास कराने की बात कही। पहले दिन ही प्रोटोकाल टूटने के सवाल पर नगर निगम आयुक्त ने ऐसा होने से मना किया। इस बीच मेयर ने कहा कि मुझे इस सवाल का जवाब देना है। शक्तिरानी शर्मा ने कहा कि मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है और नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा जनचेतना पार्टी (एचजेपी) ने निगम में फैले भ्रष्टाचार जोर-शोर से उठाया था, लेकिन आज इस पर मेयर ने कहा कि पहले काम करते हैं फिर पता चलेगा कि क्या स्थिति है। चुनाव में किए गए वायदों को कैसे पूरा करेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह समयबद्ध नहीं है। धीरे-धीरे हर समस्या का समाधान करेंगे।

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नगर निगम में मेयर की राह आसान नहीं

मकर संक्रांति के दिन शक्तिरानी शर्मा मेयर की कुर्सी पर बैठीं। पहले दिन का अनुभव खट्टा-मीठा रहा, फिर भी उन्होंने साथ मिलकर चलने की बात कही। प्रदेश की सत्ता भाजपा-जेजेपी गठबंधन के हाथ है और अंबाला शहर में विधायक असीम गोयल भी भाजपा से ही हैं। ऐसे में नगर निगम में शक्तिरानी शर्मा की राह आसान नहीं मानी जा रही। नगर निगम की अफसरशाही से तालमेल बैठाकर जनता के लिए विकास कार्य करवाना चुनौती रहेगी। बता दें कि पहली बार अंबाला शहर में नगर निगम चुनाव में सीधा जनता ने मेयर को चुना है।


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