'मुसलमानों की दुश्मन होती BJP तो वक्फ बोर्ड बंद हो जाता', जाकिर हुसैन ने हर एक सवाल का दिया जवाब, पढ़ें खास इंटरव्यू
हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के लाभों और चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे यह बिल मुसलमानों के हित में है और वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया जिनमें कहा जा रहा है कि यह बिल वक्फ बोर्ड को बंद करने की दिशा में एक कदम है।

दीपक बहल, अंबाला। वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा और राज्य सभा से पास होने के बाद हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक जाकिर हुसैन ने कहा कि यह बिल मुसलमानों के हित में हैं और फायदा देगा।
इससे वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ेगी। मुसलमानों के हक में मस्जिदों, कब्रिस्तानों दरगाहों पर खर्च होगा। जबकि मुस्लिम बच्चों की पढ़ाई पर भी इसे और बेहतर तरीके से खर्च किया जाएगा। इसलिए यह बिल फायदेमंद होने वाला है।
शुक्रवार को प्रशासक हरियाणा वक्फ बोर्ड के अंबाला छावनी स्थित मुख्यालय में दैनिक जागरण से बातचीत कर रहे थे। वे बोले कि यदि बीजेपी मुसलमानों की दुश्मन होती तो वक्फ बोर्ड बंद हो चुका होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वे बोले कि इस एक्ट में जो वाद-परिवाद चल रहे हैं, उसमें पहले ये प्रोविजन था कि वक्फ ट्रिब्यूनल में केस चलते थे और लोग रिवीजन में हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में जाते थे। इसमें अपील का प्रविधान था, लेकिन रिवीजन के माध्यम से जो केस आया है, उसमें लोग हाईकोर्ट जा सकते हैं।
हरियाणा में पहले भी इस तरह की चीजें हैं। हमारे यहां पर एक हजार मुकदमे ही पेंडिंग हैं। इसमें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और वक्फ ट्रिब्यूनल भी इन केसों में मिले हुए हैं, जिससे कोई ज्यादा इससे फर्क पड़ने वाला नहीं है।
सवाल: नए वक्फ बिल से क्या फायदा और नुकसान होगा?
जवाब: अमेंडमेंट बिल वक्फ केंद्र सरकार ने लोकसभा-राज्यसभा में पास हुआ है। इसका आने वाले समय में जो हरियाणा वक्फ बोर्ड की जमीनें हैं, उनको इसका बहुत ज्यादा लाभ होने वाला है। वक्फ बोर्ड के काम में पारदर्शिता आएगी और जो वक्फ बोर्ड की आय है उसको बेहतर तरीके से अकाउंट का मैनेजमेंट हो पाएगा। हरियाणा वक्फ बोर्ड में कोई ऐसी समस्या नहीं है। जो भी अमेंडमेंट पास हुई हैं उन पर हम पहले से ही काम कर रहे हैं। दूसरी जगह जहां की शिकायतें आई हैं।
सवाल: हरियाणा में कितनी वक्फ प्रापर्टी और किरायेदार हैं?
जवाब: हरियाणा में प्रोपर्टी गजट नोटिफाइड है वह 12 हजार 336 हैं। जहां तक किरायेदरों की बात है, तो इनकी संख्या 25 हजार 782 है। इनसे करीब 27 करोड़ रुपये की सालाना आमदनी है।
सवाल: नाजायज कब्जे कितने हैं?
जवाब: नाजायज कब्जों की जो डिटेल है हमने अभी डिटेल दी थी ये इन्हीं के बारे में है।
सवाल: बाजारों में भी सरकारी विभाग ने कब्जे कर रखे हैं?
जवाब: इसमें कोई पेंडिंग नहीं हैं कुछ प्रापर्टी सरकारी विभाग के पास है। इनकम भी आ रही है, इसमें हमारी कोई खास दिक्कत नहीं है। सरकारी प्रोपर्टी पर वक्फ बोर्ड ने क्लेम किया हो, ऐसा नहीं है।
सवाल: सबसे ज्यादा किस जिले में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां है?
जवाब: जो बड़े जिले पुराने होते थे, सबसे जयदा संपत्तियां गुरुग्राम, रोहतक, रेवाड़ी, करनाल, अंबाला जिलों में सबसे ज्यादा हैं।
सवाल: एक्ट में कहा है कि पहले मेंबर सरकार बनाती थी अब चेयरमैन भी सरकार नियुक्त करेगी, इससे फायदा होगा या नुकसान?
जवाब: पहले भी सेक्शन 14 में प्राविधान था। पहले मेंबर नोमिनेट होंगे और वो चेयरमैन को इलेक्ट करेंगे उससे ये था कि कई बार मेंबर्स के दबाव में चेयरमैन को उसमें रहना पड़ता था। हरियाणा में तो कभी ऐसी समस्या नहीं आई।
सवाल: कुछ लोग इस बिल का विरोध कर रहे, पॉलिटिकल लोग भी हैं, इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: देश में जब बात राजनीति पर आती है कितना भी अच्छा काम करें, उसकी तारीफ करनी चाहिए। मेरे पिता तैयब हुसैन 3 राज्यों में मंत्री रहे, मैं भी 1991 में एमएलए बना। हमारे परिवार की परंपरा रही है कोई अच्छा काम करे तो अच्छा बताएं बुरा करे तो बुरा आज विपक्ष ने जो आलोचना का सुर बना रखा है।
वक्फ संशोधन बिल पिछले साल 2024 में जब लाया गया था उसमें बहुत चीजें थीं। जेपीसी बनाई गई और उसने लोगों को मौका दिया पार्टियों को सुना लंबी सिटिंग हुई और बड़े खुले मंच से सरकार ने उन संशोधनों को माना।
सवाल : वक्फ बोर्ड बंद होने जैसी अफवाहें कौन फैला रहा है?
जवाब: आज जो पार्टी कांग्रेस हरियाणा में कर रही है वह गलत है। आज वक्फ बोर्ड जो अच्छी स्थिति में है भारतीय जनता पार्टी की बदौलत है। अगर बीजेपी मुसलमानों की दुश्मन होती तो वक्फ बोर्ड आज बंद हो चुका होता। भाजपा सरकार सभी धर्मों मजहबों, सबका साथ सबका विकास लेकर चलती है।
कांग्रेस के विधायक बीबी बत्रा, जो रोहतक से आते हैं, उनके साथ बैठकर नूंह से विधायक आफताब अहमद, जो पूर्व में मंत्री भी रहे, वो उनको पर्चियां दे रहे थे। पूर्व सीएम हुड्डा ने भी पैरवी की। रोहतक में वक्फ बोर्ड की जमीन है, 1990 से जो कानूनी रूप से वक्फ बोर्ड की प्रापर्टी है, को छीना जाए।
ये इसके हिमायती नहीं हैं दुश्मन हैं। सीएम नायब सिंह सैनी ने रोहतक करनाल के डिवीजनल कमिश्नर, डीसी रोहतक की कमेटी भी। कांग्रेस के विधायकों ने जमीन छिनवाने की कोशिश की।
सवाल: क्या वक्फ की जमीनों पर कब्जा कहां और किसने किया?
जवाब: उदाहरण बतात हूं, वक्फ बोर्ड का असली दुश्मन कौन है। साल 2013 में जब हुड्डा मुख्यमंत्री थे, तो गुरुग्राम के अंदर अंसल में ढाई एकड़ जमीन 400-500 साल से ईदगाह बनी हुई थी, जिसमें नमाज पढ़ी जा रही थी। जमीन अंसल पालम विहार के बीच थी, एक लाख रुपये गज उस समय रेट था।
ईदगाह को बुलडोजर से तोड़ दिया और वक्फ बोर्ड से वह जमीन छीनकर मुसलमानों को वहां नमाज नहीं पढ़ने दी। मुसलमानों ने विरोध किया कांग्रेस के विधायक उनकी जमीन को छिनवा रहे थे।
आफताब अहमद नूंह से कांग्रेस के विधायक थे, कांग्रेस के विधायक हतीम उनके पिता महरूम जलेब खां उस समय चीफ पार्लियामेंट सेक्रेट्री थे। मोहम्मद इलियास जो पुन्हाना से आज विाधायक हैं, तीनों भी इन्होंने वहां भी नमाज पढ़ी।
हम सब हुड्डा साब की कोठी पर गए वह जमीन छोड़ी जाए और ईदगाह की जमीन जबरदस्ती छीन ली। हुड्डा साहब के राज में कांग्रेस सरकार में वक्फ का नुकसान हुआ।
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