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Haryana Election 2024: कांग्रेस और आप के गठबंधन ने बीजेपी की बढ़ाई टेंशन, कई सीटों पर कैंची चलना लगभग तय

हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होने की संभावना से बीजेपी थोड़ी चिंतित है। ऐसा माना जा रहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव (Haryana VidhanSabha Election 2024) के लिए रणनीति में बदलाव किया है। अभी तक दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है। लगातार बैठकों का दौर जारी है। ऐसी खबर है कि बीजेपी कई सीटों पर कैंची चलाने की तैयारी में है।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 04 Sep 2024 05:24 PM (IST)
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कांग्रेस और आप के गठबंधन की संभावना से भाजपा ने बदली रणनीति

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस को बढ़ने से रोकने और तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। एक-एक सीट पर जीत के समीकरण तैयार कर रही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की पसंद-नापसंद को महत्व देने का निर्णय लिया है।

राव इंद्रजीत का दक्षिण हरियाणा (अहीरवाल) में मजबूत राजनीतिक प्रभाव है। पिछली बार भी भाजपा दक्षिण हरियाणा मे मिली सीटों के बूते सत्ता में आई थी। राव इंद्रजीत को नाराज कर पार्टी किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। इसलिए पार्टी ने करीब 10 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत की पसंद के उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया है।

इनके टिकट पर चलेगी कैंची

पटौदी के भाजपा विधायक सत्यप्रकाश जरावता का टिकट कटना तय माना जा रहा है। उनकी जगह राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर पूर्व विधायक बिमला चौधरी को टिकट मिल सकता है।

सोहना से विधायक व नायब सरकार में राज्य मंत्री संजय सिंह का टिकट कटना भी तय हो चुका है। राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के रूप में सोहना से इस बार पूर्व विधायक तेजपाल तंवर को टिकट दिया जा सकता है।

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गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला के स्थान पर भाजपा मुकेश शर्मा अथवा जीएल शर्मा को टिकट दे सकती है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव का अटेली से चुनाव लड़ना तय है। अटेली के मौजूदा विधायक सीता राम का टिकट कटना तय हो चुका है। बावल हलके से दो बार के विधायक और पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट पर भी कैंची चलने की संभावना है।

उनकी जगह इस बार राव इंद्रजीत समर्थक भरत सिंह को टिकट मिल सकता है। रेवाड़ी सीट पर भाजपा पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास अथवा उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास या फिर अरविंद यादव को चुनाव लड़वाना चाहती है, लेकिन राव इंद्रजीत अपने समर्थक सुनील मुसेपुर अथवा उनकी पत्नी मंजूर को टिकट दिलाना चाहते हैं।

पार्टी सात से नौ सीटें देने को तैयार

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राव इंद्रजीत की पसंद की सीटों पर कैंची चलाने पर सहमति बन गई थी, लेकिन जिस तरह राज्य में आइएनडीआइए में शामिल दलों के साथ कांग्रेस गठबंधन करने को लेकर आगे बढ़ रही है, उससे भाजपा ने राव को नाराज करने का रिस्क नहीं लिया है।

राव ने भाजपा हाईकमान से करीब एक दर्जन सीटें मांगी हैं, लेकिन पार्टी उन्हें सात से नौ सीटें देने को तैयार दिखाई दे रही है। राव इंद्रजीत नहीं चाहते थे कि पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर को बादशाहपुर सीट मिले, लेकिन भाजपा ने राव नरबीर के कद को समझते हुए राव इंद्रजीत को यह सीट उन्हें देने के लिए मना लिया है। यहां जवाहर यादव के साथ-साथ पूर्व सांसद सुधा यादव का नाम भी चर्चा में था।

कोसली विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा प्रबल दावेदार कोसली के मौजूदा विधायक लक्ष्मण यादव ने स्वयं को रेवाड़ी शिफ्ट करने का आग्रह भाजपा हाईकमान से किया है।

लक्ष्मण को अपना टिकट कटने की आशंका है। भाजपा ने राव को सलाह दी है कि वह सुनील मुसेपुर अथवा उनकी पत्नी मंजू को कोसली से चुनाव लड़वा सकते हैं। हालांकि यहां सीएम के पूर्व ओएसडी अभिमन्यु यादव और अनिल यादव भी टिकट के प्रबल दावेदार हैं।

पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ने पर राव इंद्रजीत को किसी तरह की आपत्ति नहीं है। नारनौल के मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव की टिकट के लिए राव अड़े हुए हैं।

नूंह से पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक जाकिर हुसैन की टिकट पर इस बार संकट के बादल हैं। इस बार नूंह से भाजपा गैर मुस्लिम चेहरा उतार सकती है।

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