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पहलवान तैयार करने की नर्सरी बन रहा बाल वीर हकीकत राय स्मारक

बाल वीर हकीकत राय स्मारक पहलवानों को दाव-पेंच की बारीकियों में पारंगत करेगा। दंगल में सामने वाले पहलवान को परास्त करने के लिए कुश्ती के उस्ताद कद काठी वाले पहलवानों को नया मंच देने की योजना पर काम शुरू कर चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 09:17 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:17 AM (IST)
पहलवान तैयार करने की नर्सरी बन रहा बाल वीर हकीकत राय स्मारक
पहलवान तैयार करने की नर्सरी बन रहा बाल वीर हकीकत राय स्मारक

जागरण संवाददाता, अंबाला: भारत माता चौक के निकट स्थित बाल वीर हकीकत राय स्मारक पहलवानों को दाव-पेंच की बारीकियों में पारंगत करेगा। दंगल में सामने वाले पहलवान को परास्त करने के लिए कुश्ती के उस्ताद, कद काठी वाले पहलवानों को नया मंच देने की योजना पर काम शुरू कर चुके हैं। शिव मंदिर के निकट इस अखाड़े में आधुनिक दंगल हाल का निर्माण शुरू हो गया है।

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खेल विभाग पंचकूला से यहां पहलवानों को रोजाना अभ्यास करने के लिए उपकरण मुहैया कराये जाने पर विचार चल रहा है। अपने दादा की विरासत को संजोने के लिए नाती पहलवान दीनानाथ हरियाणा का हाईटेक अखाड़ा बनाने में जुटे हैं। यहां सुबह और साध्य कालीन दो पालियों में पहलवानों को कुश्ती के दांवपेच उस्ताद सिखा रहे हैं। बाल वीर हकीकत राय के नाती दीनानाथ ने इस अखाड़े को पहलवानों की नर्सरी के रूप में विकसित करने का जज्बा संजोकर काम में जुटे हैं। पहलवानों की अच्छी खुराक का प्रबंध

बाल वीर हकीकत राय अखाड़े में कुश्ती के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने वाले नए पहलवानों, जो अपनी क्षमता के अनुसार खुराक का भी प्रबंध नहीं कर पाते, उनकी खुराक को जन सहयोग से पूरा किया जा रहा है। दंगल के पूर्वाभ्यास में लगे पहलवानों को समय से अखाड़े में पौष्टिक आहर से लेकर दूध, दही, घी से लेकर अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जा रहा है। 50 वर्ष पूर्व रखी थी अखाड़े की नींव

बाल वीर हकीकत राय अखाड़े की नींव अंबाला और आसपास के जिलों में कुश्ती के उस्ताद माने गए दयाल गुरु ने रखी थी। दयालगुरु के दुनिया से अलविदा कहने के बाद यह बीड़ा उनके साथी जत्ती पहलवान और राज कुमार गुप्ता ने उठाया। इसके बाद पहलवानों को पारंगत करने का सिलसिला चलता रहा और उस्ताद रिक्की पहलवान, उस्ताद बब्बू पहलवान, उस्ताद जगपाल यादव, उस्ताद रमेश सोनकर ने देश के कोने कोने होने वाले दंगल में अपनी दांव से विरोधी पहलवान को शिकस्त देने का काम किया। यहां से निकले वीर पहलवान

बाल वीर हकीकत राय अखाड़े से राजकुमार पहलवान, किशन लाल, मदन लाल, राकेश सोनकर, सोहन लाल, वेद प्रकाश, बिल्ला पहलवान, दीपा पहलवान, हरबख्स पहलवान, ककुआ पहलवान, हंसराज पहलवान, कालू पहलवान, बब्लू पहलवान, सिकंदर पहलवान, रामू पहलवान, कुलदीप पहलवान, ईश्वर पहलवान, भोला पहलवान, विजय पहलवान, दलीप पहलवान, काला पहलवान, प्रयाग सिंह, राकेश पहलवान, रोकी पहलवान, रोशन पहलवान, याकूब पहलवान जैसे दो सौ से अधिक पहलवान अपनी दाव-पेंच का लोहा मनवा चुके हैं। फोटो : 30

दादा के सपने को देश में बड़ा मंच देने की योजना

अपने दादा दयाल गुरु की कुश्ती को देखकर और बड़े बुजुर्गो की बातें सुनकर कुछ नया कर गुजरने की चाहत है। इसीलिए बाल वीर हकीकत राय अखाड़े को बृहद रूप देने की योजना पर काम शुरू किया। पहले तो इसके विकास के लिए आर्थिक समस्या से लेकर अन्य परेशानियों से जूझना पड़ा। अब धीरे धीरे लोगों के साथ पहलवानों का अखाड़े की तरफ रुझान बढ़ रहा है। ऐसा देखकर अब लगने लगा है कि मैं अपने दादा दयाल गुरु के सपने को देश में एक बड़ा मंच देने में जरूर कामयाब रहूंगा। पहलवानों के लिए बड़ा और आधुनिक दो मंजिला दंगल हाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। उम्मीद है कि पंचकूला खेल विभाग से पहलवानों के अभ्यास कराने के लिए कोच से लेकर अन्य जरूरी वस्तुएं मिलेंगी।

- दीनानाथ, पहलवान


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