सेना-सिविलियंस में रास्ते पर टकराव, किलानुमा होगा सैन्यक्षेत्र
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के सेना क्षेत्र में सेना-सिविलियंस के बीच टकराव के मद्देनजर से
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के सेना क्षेत्र में सेना-सिविलियंस के बीच टकराव के मद्देनजर सेना सुरक्षा को मजबूत करने में जुट गई है। सेना अपने सीमा में किलानुमा दीवार बनाने जा रही है जिसको भेदना मुश्किल होगा। अंग्रेजों की तरह सेना अपनी सीमा में कम से कम 18 ईच मोटी दीवार बनाने जा रही है। जहां से सेना सीमा में सिविलियंस की एंट्री सड़क के जरिए होगी वहां पर गेट या फिर बड़ा द्वार बनाया जाएगा।
सेना की मिलिट्री इंजीनिय¨रग सर्विस (एमईएस) ¨वग की ओर से पंजोखरा साहिब की तरफ से इसको बनाने का काम शुरू कर दिया है। सेना प्राथमिक चरण में यह दीवार डिफेंस कॉलोनी के पास से बनानी शुरू करेगी। यह दीवार तोपखाना परेड से पंजोखरा साहिब रोड को क्रॉस करते हुए दक्षिण दिशा की ओर बनेगी। सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सेना ने यह फैसला अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लिया है क्योंकि सेना चाहती है कि सिविलियंस की सेना सीमा में दखल अंदाजी कम हो जाए। इसीलिए सेना हर बार सुरक्षा के मद्देनजर अपनी सीमा के अंदर कभी स्टाफ तो कभी मॉल रोड बंद कर दिया जाएगा। कई बार सेना अपनी सीमा में मुख्य रास्तों को बंद करने के प्रयास कर चुकी है जिसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है। इतना ही नहीं मामला मिनिस्ट्री आफ डिफेंस (एमओडी) के पास भी पहुंच चुका है। जहां से रास्ते खुलने के आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन सेना ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। इतना नहीं किलानुमा सीमा बनाने का प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस मामले में एमईएस के अधिकारी कर्नल शशांक बहुगुणा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हम मीडिया बातचीत नहीं कर सकते।
खोदाई का काम पूरा, निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू
सेना प्रशासन कई किलोमीटर तक सीमा पर दीवार बनाने के लिए खोदाई का काम कर चुकी है और जल्द ही वायु सेना स्टेशन की तरफ छावनी सेना भी एक दीवार के अंदर नजर आएगी। कोई भी व्यक्ति दाएं बाएं से न तो सीमा में घुस पाया है और न ही बाहर जा पाएगा। इसके अलावा मुख्य रास्ता पर चौकसी तेज हो जाएगी। ऐसे में संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखना सेना के लिए काफी आसान हो जाएगा।
सेना क्षेत्र में 60 हजार की आबादी
सेना क्षेत्र का रखरखाव कैंटोनमेंट बोर्ड करती है। बोर्ड के क्षेत्र में टूंडला, परेड, तोपखाना, हिम्मतपुरा, रेलवे कॉलोनी, गुलाब मंडी, दुधला मंडी में बंगले समेत अन्य क्षेत्र आता है जिसमें 60 हजार की आबादी है और 8 वार्ड हैं। इन आठ वार्ड में रहने वाले सिविलियंस ही अपने वार्ड का चुन कर बोर्ड में भेजती है। बोर्ड में सेना के साथ-साथ बोर्ड के अधिकारी और सभी पार्षद सदस्य हैं। इसीलिए पार्षद सिविलियंस से जुड़े मामले बोर्ड के सामने रखते हैं जिन पर विचार विमर्श कर फैसला लिया जाता है।