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विधायक के गोद लिए गांव लखनौर साहिब में धरातल पर नहीं उतरी घोषणाएं

ऐतिहासिक गांव गुरुद्वारा लखनौर साहिब को लेकर सिखों में विशेष आस्था है। विधायक के गोद लेने के बाद भी इस गांव के दिन नहीं बहुरे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 02:39 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 02:39 AM (IST)
विधायक के गोद लिए गांव लखनौर साहिब में धरातल पर नहीं उतरी घोषणाएं
विधायक के गोद लिए गांव लखनौर साहिब में धरातल पर नहीं उतरी घोषणाएं

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: ऐतिहासिक गांव गुरुद्वारा लखनौर साहिब को लेकर सिखों में विशेष आस्था है। मान्यता है कि यह गुरु गो¨बद ¨सहजी की माता गुजरी का पैतृक गांव है। यहीं दसवें गुरु ने अपना बचपन भी बिताया था। इन्हीं मान्यताओं के चलते यहां सालाना हजारों की तादाद में संगत उमड़ती है। शहर विधानसभा के इस गांव को विधायक असीम गोयल ने जब गोद लिया तो लोगों को इसके दिन बहुरने की उम्मीद थी लेकिन वक्त के साथ ही यह उम्मीद अब दम तोड़ने लगी है। प्रदेश सरकार के पास अब महज एक साल का कार्यकाल बचा है और कोई भी घोषणा धरातल पर नहीं है। इससे ग्रामीण खफा हैं। ये हुई थीं घोषणाएं

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विधायक असीम गोयल ने यहां वीएलडीए (पशु चिकित्सा और पशुधन विकास सहायक) कॉलेज बनाने की घोषणा की थी। ग्रामीणों ने इसके लिए करीब 15 एकड़ 5 मरले जमीन पशुपालन विभाग के नाम भी कर दी थी।

गांव में सीसीटीवी लगवाया जाएगा।

ग्राम सचिवालय से गांव में घोषणा के लिए गलियों में लाउड स्पीकर लगेगा।

सोलर स्ट्रीट लाइट लगेंगी। हाल-ए-लखनौर साहिब

अंबाला से गांव को जोड़ने वाली सड़क पर इन दिनों निर्माण चल रहा है। यहां आने वालों का स्वागत प्रवेशद्वार करता है जिस पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का स्लोगन लिखा हुआ है। गौरव पट्ट पर गांव के इतिहास और गौरवगाथा उल्लेखित है। पास ही ग्राम सचिवालय है जो वर्तमान सरकार में ही बना है। ग्राम सचिवालय से गौरव पट्ट तक करीब 50 मीटर सड़क बेहद खस्ताहाल है जो गौरव पट्ट की छवि धूमिल कर रही है। ग्रामीणों के मुताबिक यह टुकड़ा मार्केट कमेटी के अधीन है। ज्यादातर गलियां-नालियां बनी हैं लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि गली, नालियों का ज्यादातर कार्य पिछली सरकारों में ही पूरा हो चुका था। इस संबंध में विधायक से संपर्क किया गया लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो पाई।

जमीन भी दी पर नहीं हुआ वीएलडीए कॉलेज का निर्माण

- गांव सरपंच अमरजीत कौर के पति इंद्रपाल ¨सह ने बताया कि गांव में वीएलडीए कॉलेज बनाने की बड़ी घोषणा हुई थी। इसको लेकर करीब 15 एकड़ जमीन भी गांव ने दी लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो पाया। सरकार के पास एक साल शेष कार्यकाल बचा है। हमारी मांग है कि सरकार वादे को पूरा करे।

ऐतिहासिक स्थल के लिए परिवहन सुविधा नहीं

- गुरुद्वारा लखनौर साहिब के मैनेजर निरंजन ¨सह के मुताबिक गांव में हर साल हजारों लोग गुरुद्वारा साहिब आते हैं लेकिन इस गांव के लिए कोई सीधे परिवहन सुविधा नहीं है। शहर से सीधे गांव बस आती तो श्रद्धालुओं को राहत मिलती।

वीएलडीए कालेज को लेकर सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, उम्मीद है कि नवंबर माह में मुख्यमंत्री 37 करोड़ से बनने वाले कॉलेज व सिख म्यूजियम की आधारशिला रखेंगे। पहले भी समय लिया गया था लेकिन किसी कारणवश कार्यक्रम रद हो गया था।

रितेश गोयल, भाजपा जिला सचिव


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