Move to Jagran APP

जजमेंट पर उठाया सवाल, बोले- पशुओं की कैटेगिरी ही नहीं बनाई

गुस्से में पशु पालक ने पास नंबर फाड़ कर फेंका बगैर पानी प्यास से बेहाल होते रहे पशु बीमार होने का डर। गर्मी से सड़ता रहा घास फिर भी भूखे रहे पशु।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 02:28 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:39 AM (IST)
जजमेंट पर उठाया सवाल, बोले- पशुओं की कैटेगिरी ही नहीं बनाई
जजमेंट पर उठाया सवाल, बोले- पशुओं की कैटेगिरी ही नहीं बनाई

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: शहर अनाज मंडी में हुए पशु मेले में पशु पालकों ने जजमेंट पर सवाल खड़े कर दिए। यहां तक कि पशुओं के चयन में भेदभाव के आरोप लगा दिए। पशु पालकों ने आरोप लगाया कि विजेता का चयन करने के लिए उम्र की कैटागिरी नहीं बनायी गई। बच्चा और जवान में भी फर्क होता है लेकिन यहां सभी को इकट्ठा कर दिया गया। पशु पालकों ने यहां तक कहा कि वह मेले में इनाम के लिए नहीं, बल्कि सम्मान के लिये पहुंचे थे और इतना इनाम भी नहीं मिलना है जितना उन्होंने खर्च कर दिया। इसी गुस्से में पशु पालक ने गुस्से में पास नंबर तक फाड़ दिया।

loksabha election banner

कांवला के परमजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पशुओं के मेले में जजमेंट सही नहीं की गई। उन्होंने बताया कि उनकी भैंस 20 किलो दूध देती है। पहले उन्हें कहा कि गया मिल्क वाले पशुओं में रखो, जब उन्होंने दूधारू में रखा तो उन्हें कहा गया कि ड्राई में भेजो। उन्हें प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने दिया गया। उनकी भैंस ज्यादा दूध देती हैं, इस कारण अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि वह इनाम के लालच में यहां नहीं आये, सिर्फ सम्मान के लिये आये थे। जबकि इतना ईनाम नहीं मिलना जितना पशुओं को मेले में लाने में खर्च कर दिया। नहीं बनाई पशुओं की उम्र के मुताबिक कैटेगिरी

दुखेड़ी के अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि वह मेले में पांच भैंसें लेकर पहुंचा था। जो 15 से 20 किलो तक दूध देती हैं। सभी को फेल कर दिया गया। जबकि यह दूध पहली ब्यात में दे रही हैं। लेकिन मुकाबला सभी भैंसों से करवाया जा रहा है। उम्र की कैटागिरी नहीं बनायी गई। जबकि नियमों के मुताबिक चार साल तक की उम्र की अलग और इससे बड़ी की कैटागिरी अलग बननी चाहिए। वहीं शाहपुर के हरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि उसकी मुर्राह नस्ल की भैंस 14 लीटर तक दूध दे रही है। एम 29 का बच्चा है। उन्हें कारण ही नहीं बताया गया कि भैंस को क्यों फेल किया गया है। मूक धन दिनभर रहे भूखे-प्यासे

किसान परमजीत सिंह ने आरोप लगाया कि मूक धन सुबह से भूखा-प्यासा रहा और गर्मी में बेहाल होता रहा। पशुओं को दिन भर पीने को पानी नसीब नहीं हुआ। ऐसे में अगर बीमार हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। वहीं दूसरी ओर मंडी लाया हुआ घास भी गर्मी के कारण सड़ता रहा और मंडी में ही घास का ढेर लगा रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.