ग्रामीण रूटों से बसों का रात्रि ठहराव खत्म, सत्संग में दे रहे सेवाएं
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिले के लोकल रूटों से प्राइवेट बसों को पहले ही हटाया जा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिले के लोकल रूटों से प्राइवेट बसों को पहले ही हटाया जा चुका है और अब दूसरा झटका परिवहन विभाग ने जिले की जनता को दिया है। उसने गांवों में बसों के रात्रि ठहराव को खत्म कर दिया है। अब बसें जिला मुख्यालय से चलेंगी और शाम को वापसी भी मुख्यालय पर ही होगा। जिले में ऐसे 10 रूटों पर बसें रोजाना 20 फेरे लगाती थीं। गांव से शहर आने वाले लोगों के साथ विद्याíथयों की परेशानी अब बढ़ना तय है। दूसरी ओर शहर से छावनी के बीच लोकल के भी केवल तीन रूट बचे हैं। इससे शहर में ऑटो का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में गांव में ही नहीं बल्कि शहर में भी सरकारी बस सेवा का दम घोंटा जा रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि जिले की सरकारी बसें सत्संग में सेवाएं दे रही हैं। यात्री बेशक परेशान हो रहे हैं, लेकिन रोजाना दो बसें सत्संग भेजी जाती हैं और रविवार को उनकी संख्या छह हो जाती हैं। इसके अलावा आर्मी और केंद्रीय विद्यालयों में भी रोजाना पांच बसें स्कूली बच्चों के लिए लगाई गई हैं।
जिन गांवों से बसें रात्रि ठहराव करती थीं, वहां से यात्री सुबह दूसरे शहरों के लिए निकल जाते थे और रात को लौट जाते थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। बड़ी बात यह है कि महकमे ने विभिन्न रूटों से बसें तो हटा ली है, लेकिन विकल्प कोई नहीं छोड़ा है।
इन गांवों में बसों का ठहराव बंद
-सुभरी से अंबाला छावनी चंडीगढ़- दिल्ली से वापस सुभरी का रूट, शाहबाद से छावनी बस अड्डा-डेरा व्यास और वापस शाहबाद के रूट पर अब बस नहीं चलेगी। लंडी-लंडी से छावनी से चंडीगढ़ एअर पोर्ट और सेक्टर-17 से वापस लंडा-लंडी में रात्रि ठहराव की बस, पिलखनी से चंडीगढ़ वापसी पिलखनी, कुरुक्षेत्र से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से अमृतसर रात्रि ठहराव, ¨बजलपुर से छावनी-शिमला-अंबाला शहर से वापस ¨बजलपुर रात्रि ठहराव, उगाला से जालंधर-उगाला रात्रि ठहराव, मुलाना-अंबाला छावनी- चंडीगढ़-दिल्ली वापस मुलान रात्रि ठहराव की बसें। ये बसें अब रात्रि ठहराव गांवों में नहीं करेंगी।
शहर में बचे सिर्फ तीन रूट
- रूट नंबर दो पर बस अंबाला बस अड्डा से बलदेवनगर होते हुए महेशनगर पहुंचती है और इसी क्रम में यह बस छावनी बस अड्डा और बलदेव नगर होते हुए शहर के फेरे लगाती है। अंबाला शहर से चार नंबर रूट की बस अंबाला शहर से पुलिस लाइन आर्य चौक से महेश नगर तक चलती है। इसके बाद वापसी भी इसी रूट पर इसी क्रम में करती है। शहर से छह नंबर रूट की बस वाया पोलिटेक्निक होकर जंडली से होती हुई छावनी बस अड्डा पहुंचती है और इसके बाद इसी रूट पर वापसी चलती है। इन बसों को सरकारी कर्मियों की छुट्टी और स्कूलों की छुट्टी के दौरान प्राथमिकता रहती है। ऐसे में सिर्फ तीन रूट के सहारे हजारों लोगों की आवाजाही है।
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निजी बसों के 54 रूट का हो चुका विस्तार
-तत्कालीन ओमप्रकाश चौटाला सरकार ने ग्रामीण रूटों पर 54 बसें चलाई गई थी। नई परिवहन नीति में इन बसों का 50 किलोमीटर तक विस्तार हो चुका है और अब ये बसें गांवों में न जाकर अंबाला शहर से पिहोवा, अंबाला छावनी से कुरुक्षेत्र, अंबाला शहर से नारायणगढ़ और छावनी से रायपुर रानी के रूटों पर चलती हैं। ऐसे में उन गांवों के लोगों को अब भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
जीएम नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
जब इस मामले में डिपो के जीएम कुलधीर ¨सह से बात की गई तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनसे अंबाला में कितनी बस के रात्रि ठहराव बंद होने और इसका क्या विकल्प रहेगा, पर वह जवाब देने के बजाय प्रदेश के आंकड़ों की बात करने लगे। बसों के बंद करने और सत्संग में बसों को लगाने के संबंध में कोई जवाब नहीं दे पाए।