Move to Jagran APP

अंबाला में राफेल के स्वागत की तैयारी, निरीक्षण को आए एयरचीफ मार्शल धनोआ

एयरफोर्स स्टेशन में 17 गोल्डन एरो स्कवाड्रन का किया पुनर्गठन। अंबाला में फिलहाल एक राफेल इसी माह होगा तैनात।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 06:32 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:32 AM (IST)
अंबाला में राफेल के स्वागत की तैयारी, निरीक्षण को आए एयरचीफ मार्शल धनोआ
अंबाला में राफेल के स्वागत की तैयारी, निरीक्षण को आए एयरचीफ मार्शल धनोआ

जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला छावनी एयरफोर्स में सितंबर माह में एक राफेल आ जाएगा, जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंगलवार को एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने एयरफोर्स स्टेशन का दौरा किया और 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन का दोबारा गठन किया गया। चीफ ने राफेल को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

loksabha election banner

कारगिल युद्ध के दौरान 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन का अहम रोल रहा था। तीन साल पहले इसको भंग कर दिया गया था। अब 36 राफेल आ रहे हैं, जिनमें से 18 अंबाला में तो 18 हासिमारा स्टेशन पर तैनात किए जाने हैं।

बता दें कि लड़ाकू विमान राफेल अंबाला वायुसेना स्टेशन से सितंबर माह से उड़ान भरेगा। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। एयरफोर्स में इसके लिए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को एयर चीफ मार्शल ने राफेल की तैनाती को लेकर अधिकारियों से विचार विमर्श किया। 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के इतिहास की बात करें तो कारगिल युद्ध के समय इसकी तैनात पंजाब के बठिडा में थी। इस स्क्वॉड्रन की स्थापना 1 अक्तूबर 1991 में हुई थी। सन 2016 में भंग करने से पहले स्क्वॉड्रन मिग-21 विमानों का संचालन कर रही थी। एक बार फिर से अब अंबाला में इसका गठन किया गया है। एयरबेस को किया जा रहा है अपग्रेड

अंबाला एयरबेस रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है। यह पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। राफेल के लिए अंबाला एयरबेस को अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए एयरबेसपर 14 नए शेल्टर्स बनाए जा रहे हैं, जबकि नए हैंगरों, नए संचालन स्थलों, एक डी-ब्रीफिग कक्ष और सिमुलेटर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। विमान के रखरखाव और अपग्रेडेशन कार्य को लेकर फ्रांस की टीम दौरा भी कर चुकी है। एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है राफेल

फ्रांस और भारत के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारत को 36 राफेल विमान दिए जाने हैं। इनमें 18 अंबाला और 18 हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। पश्चिम बंगाल में स्थित हाशिमारा एयरबेस चीन और भूटान सीमा के करीब है। दो इंजनों वाले इस लड़ाकू विमान में एक या दो पायलट बैठ सकते हैं। ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर यह विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि इसके अधिकतम भार ढोने की क्षमता 24,500 किलोग्राम है। 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं

एक मिनट में इस लड़ाकू विमान के दोनों तरफ से 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। विमान की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर है जबकि यह 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। 9.3 टन वजन के साथ 1650 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम बताया जा रहा है। 14 हार्ड प्वाइंट के जरिये भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है। विमानों को पक्षियों से खतरा

एयरफोर्स स्टेशन के साथ बने मकानों से अकसर नॉन वेज या वेज वस्तुएं खाने के बाद उन्हें एयरफोर्स सीमा के साथ पड़े खाली स्थान में डाल दिया जाता है। इससे पक्षी वहां अकसर मंडराते रहते हैं। इतना ही नहीं अकसर इन घरों की छतों पर भी खाद पदार्थ डाल दिए जाते हैं। इससे भी पक्षी यहां मंडराते रहते हैं। बताते हैं कि विमान में पक्षी के प्रवेश होने से एक इंजन बंद हो जाता है, जिससे दूसरे इंजन के चालू रहने पर रफ्तार कम होती है और इमरजेंसी लैंडिग करनी पड़ती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.