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5 दर्जन स्क्री¨नग प्लांट बंद, जमानत पाने वाले संचालकों को लगाने होंगे 50-50 पेड़

संवाद सहयोगी नारायणगढ़ : बिना मंजूरी व नियमों को ताक पर रख कर चला जा रहे करीब 5 दर्जन

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Sep 2017 01:47 AM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 01:47 AM (IST)
5 दर्जन स्क्री¨नग प्लांट बंद, जमानत पाने वाले संचालकों को लगाने होंगे 50-50 पेड़
5 दर्जन स्क्री¨नग प्लांट बंद, जमानत पाने वाले संचालकों को लगाने होंगे 50-50 पेड़

संवाद सहयोगी नारायणगढ़ : बिना मंजूरी व नियमों को ताक पर रख कर चला जा रहे करीब 5 दर्जनभर स्क्री¨नग प्लांट बंद कर दिए गए हैं। इनमें से करीब 29 स्क्री¨नग प्लांटों के पास कोई एनओसी नहीं थी। पिछले करीब तीन दिनों से यह सभी स्क्री¨नग प्लांट बंद हैं और यह सारा कार्य एक नेताजी के खासमखास के दबाव के कारण हुआ। दरअसल नेताजी के खासमखास की शिकायत पर कुछ स्क्री¨नग प्लांटों को सील कर दिया गया। इसकी कारण यह स्क्री¨नग प्लांट संचालक खुद उन नेताजी के पास पहुंच गए और गुहार लगाई कि जब तथाकथित व्यक्ति के प्लांट चल रहे हैं तो उनके क्यों नहीं चलने दिए जा रहे। इसके बाद सभी प्लांटों को बंद करा दिया गया।

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वहीं दूसरी ओर कुरुक्षेत्र की पर्यावरण कोर्ट में उन 29 स्क्री¨नग प्लांट संचालकों का मामला चल रहा है जिनके प्लांटों को जिला प्रशासन व विभाग ने सील कराया था। इन प्लांट संचालकों में से ज्यादातर ने जमानत ले ली है। लेकिन पर्यावरण कोर्ट ने इन्हें सशर्त यह कहकर जमानत दी है कि प्रत्येक संचालक को सार्वजनिक स्थान पर 50-50 पेड़ लगाने होंगे। इसकी रिपोर्ट स्थानीय रेंजर व जिला वन विभाग अधिकारी कोर्ट में पेश करेंगे। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने ही इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

30 सितंबर तक नहीं की जा सकती किसी भी प्रकार की खनन

खनन विभाग के निर्देशानुसार 30 सितंबर तक किसी भी नदी व नाले से किसी भी प्रकार का खनन नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर या करते पाए जाने पर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि दिसंबर 2015 में नारायणगढ़ क्षेत्र में खनन का कार्य शुरू हुआ था। बिना मंजूरी व नियमों को ताक पर रख कर चलाए गए इन प्लांटों को लेकर जब शिकायतें होनी शुरू हुई तो प्रदूषण विभाग ने मार्च-2016 में कार्रवाई करते करीब ढाई दर्जन स्क्री¨नग प्लांटों को बिना एनओसी के चलते सील कर दिया था। प्लांट मालिकों ने सीलों को तोड़कर धड़ल्ले से स्क्री¨नग शुरू की तो दैनिक जागरण की पहल के बाद प्रशासन व विभाग को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा।

करीब 7 साल पहले भी दिए गए थे नोटिस

इन प्लांटों को करीब 7 साल पहले भी मई 2010 में धारा 33ए, ऑफ द वॉटर एक्ट 1974 (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) 31ए ऑफ दी एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1981 एवं एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत नोटिस देकर सील किया गया था।


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