एड्सग्रस्त भाई-बहन को अाखिरकार मिला सहारा, अंबाला में भटकने के बाद सोनीपत में मिली छत
अंबाला के एड्स ग्रस्त मासूम भाई और बहन को आखिरकार सहारा मिल गया है। उनको अब सोनीपत में शरण मिली है। दोनों के माता-पिता की मौत एड्स से हो गई थी।
अंबाला, [हरीश कोचर]। एड्स ग्रस्त मां-बाप का साया सिर से क्या उठा कि नाबालिग भाई-बहन छत के लिए भी तरस गए। इन दोनों एड्सग्रस्त बच्चों को काफी भटकने के बाद सोनीपत जिले में शरण मिली है। पंचकूला ओपन शेल्टर या बाल निकेतन के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी बच्चों को आश्रय देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद सोनीपत के राई स्थित शेल्टर होम ने इनके लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
बीते पांच दिन से एड्स ग्रस्त भाई-बहन नारायणगढ़ में एक निजी संस्था के पास रह रहे थे। सोमवार देर शाम को अंबाला सीडब्ल्यूसी ने दोनों को सोनीपत के राई स्थित शेल्टर होम के लिए रवाना कर दिया गया। साथ ही इनका इलाज भी अब सोनीपत स्वास्थ्य विभाग की ओर से निशुल्क किया जाएगा।
दरअसल शहर निवासी एक दंपती पिछले कई सालों से एड्स बीमारी से ग्रस्त थे। इनके पास एक लड़का व लड़की थी लेकिन जब इनकी जांच करवाई तो दोनों भाई-बहन भी इस बीमारी से ग्रस्त मिले। इनका इलाज अंबाला शहर जिला नागरिक अस्पताल में ही चल रहा था। करीब छह माह पूर्व पहले पिता का साया सिर से उठ गया और गत 25 फरवरी को मां की भी मौत हो गई। एड्स के कारण अन्य रिश्तेदारों ने दोनों भाई-बहनों को रखने से इन्कार कर दिया।
सीडब्ल्यूसी ने दिखाई निर्दयता
अपनों ने इनका साथ नहीं दिया तो दोनों बच्चे अंबेडकर संस्था के जरिए सीडब्ल्यूसी के पास पहुंचे। काउंसिलिंग के बाद इन्हें पंचकूला ओपन शेल्टर होम में भेजा गया। मगर वहां संबंधित अधिकारियों ने इन्हें रखने से इन्कार कर दिया। सीडब्ल्यूसी ने दबाव बनाया तो लड़की को वहीं होम में रखा गया और उसके भाई को अंबाला में टीबी अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
एक सप्ताह पहले टीम भाई-बहन को लेकर पंचकूला बाल निकेतन में पहुंची तो यहां भी उन्हें छत देने से इन्कार कर दिया। टीम ने पंचकूला सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया तो उसने भी निर्दयता दिखाते हुए इन्कार कर दिया। इसी कारण बीते बुधवार से यह भाई-बहन नारायणगढ़ में एक निजी संस्था के पास रह रहे थे।
अब सोनीपत के राई में करवाया शिफ्ट
कहीं भी छत नहीं मिली तो सीडब्ल्यूसी ने राज्य बाल सरंक्षण आयोग के अलावा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद एक-एक कर अन्य विभागों के अधिकारी भी इस मामले में कूद पड़े। सोमवार को सोनीपत के राई स्थित सीडब्ल्यूसी से बात हुई और भाई-बहन को वहीं शेल्टर होम में शिफ्ट करने की बात हुई। इसके बाद सोनीपत सिविल सर्जन से बात की गई और बच्चों का इलाज वहीं करवाने की बात की गई। देर शाम सीडब्ल्यूसी टीम ने भाई-बहन को सोनीपत शिफ्ट करने के लिए भेज दिया।
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'' एड्स ग्रस्त भाई-बहन को नारायणगढ़ में निजी संस्था के पास से सोमवार शाम को सोनीपत के राई शेल्टर होम में शिफ्ट करवाया गया है। भाई-बहन अब एक साथ रह सकेंगे और इनका वहीं इस बीमारी का इलाज भी होगा।
- मोहित अग्रवाल, सदस्य, सीडब्ल्यूसी अंबाला।