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निजी स्कूलों के विवाद के बाद सरकारी स्कूल की ओर रुख कर रहे विद्यार्थी

निजी स्कूलों के विवाद के चलते अभिभावकों का रुख अब सरकारी स्कूलों की ओर होने लगा है जिससे सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी है। अभी तक अभिभावकों के पास अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का विकल्प नहीं था लेकिन अब सीबीएसई के पैटर्न वाले सरकारी स्कूल खुलने पर अभिभावकों में खुशी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 07:00 AM (IST)
निजी स्कूलों के विवाद के बाद सरकारी स्कूल की ओर रुख कर  रहे विद्यार्थी
निजी स्कूलों के विवाद के बाद सरकारी स्कूल की ओर रुख कर रहे विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : निजी स्कूलों के विवाद के चलते अभिभावकों का रुख अब सरकारी स्कूलों की ओर होने लगा है, जिससे सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी है। अभी तक अभिभावकों के पास अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का विकल्प नहीं था, लेकिन अब सीबीएसई के पैटर्न वाले सरकारी स्कूल खुलने पर अभिभावकों में खुशी है। जिसके चलते अभिभावक इन स्कूलों में बच्चों का नामांकन करवा रहे हैं।

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जिले में खुल रहे राजकीय संस्कृति माडल स्कूल में सीबीएसई पैटर्न 1 अप्रैल से लागू किया गया। इसके चलते विद्यार्थियों में पहले से मुकाबले सरकारी स्कूलों का रुझान बढ़ रहा है। कोरोना के बावजूद 30 फीसद अधिक दाखिले हुए हैं। जबकि अभी भी इन स्कूलों में नामांकन की जा रही है। अगले सत्र में इनकी संख्या में काफी अधिक बढ़ोतरी होने के आसार हैं।

---- -निजी स्कूलों की मासिक फीस

-नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी की 2 हजार, पहली से आठवीं तक 2200 रुपये, नौवीं-दसवीं के 2300 रुपये, 11वीं आ‌र्ट्स व कामर्स के 3100 रुपये और मेडिकल-नानमेडिकल के लिए 3200 रुपये, 12वीं आ‌र्ट्स व कामर्स के 3100 रुपये और मेडिकल-नानमेडिकल के लिए 3200 रुपये।

-------- -राजकीय संस्कृति माडल स्कूल में फीस

-पहली से पांचवीं तक दाखिला फीस 500 रुपये हैं। छठीं से 12वीं कक्षा तक एक हजार रुपये, पहली व दूसरी के लिए 200 रुपये, तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए 250 रुपये, छठीं से आठवीं से 300 रुपये, नौवीं से दसवीं 400 रुपये, 11वीं व 12वीं 500 रुपये रखी गई है।

------- - संस्कृति माडल स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या

नन्यौला स्कूल में छठीं में 36, सातवीं में 18, आठवीं में 21, नौवीं में 50, दसवीं में 36, 11वीं में 59, 12वीं में 55 ने दाखिला लिया। रामपुर सरसेहड़ी स्कूल में छठीं में 55, सातवीं में 52, आठवीं में 66, नौवीं में 116, दसवीं में 76, 11वीं में 83, 12वीं में 64 ने एडमिशन लिए। समलेहड़ी स्कूल में छठीं में 66, सातवीं में 87, आठवीं में 74, नौवीं में 134, दसवीं में 82, 11वीं में 94, 12वीं में 93 ने दाखिला लिया। मोहड़ी भानोखेड़ी स्कूल में छठीं में 43, सातवीं में 42, आठवीं में 43, नौवीं में 56, दसवीं में 66, 11वीं में 42, 12वीं में 31 ने एडमिशन करवाया। नारायणगढ़ में छठीं से लेकर 12वीं कक्षा तक 190 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया।

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ग्रामीण आंचल में जो अभिभावक शहरी स्कूलों या महंगे स्कूलों में नहीं भेज सकते थे। वह अब राजकीय संस्कृत माडल स्कूलों में बच्चों को पढ़ने के लिए भेज सकेंगे। सीबीएसई होने के कारण सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का रुझान बढ़ेगा।

लोकेंद्र सिंह, प्राचार्य, राजकीय संस्कृति माडल स्कूल, नन्यौला।


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