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अस्पताल में उखड़ रही तेजाब पीड़ित कविता की सांसे, दो लाख से लगाई मरहम

सेक्टर सात में शहर में चार अक्टूबर को तेजाब फेंकने से झुलसी युवती को प्रशासन ने दो लाख की आर्थिक सहायता दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 09:16 PM (IST)
अस्पताल में उखड़ रही तेजाब पीड़ित कविता की सांसे, दो लाख से लगाई मरहम
अस्पताल में उखड़ रही तेजाब पीड़ित कविता की सांसे, दो लाख से लगाई मरहम

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: सेक्टर सात में शहर में चार अक्टूबर को तेजाब फेंकने से झुलसी कविता करीब एक माह बीत जाने के बावजूद मौत और ¨जदगी से जूझ रही है। अभी भी उसकी सांसें उखड़ रही हैं। यही कारण है कि उसे आक्सीजन लगाया गया है। गत दिनों कविता की सांसें पूरी तरह से उखड़ गई थी। इसके बाद रात के समय आनन-फानन में डाक्टरों ने जब जांच की तो श्वास नली में कचरा फंसने के कारण कविता की सांस उखड़ने का खुलासा हुआ। तब जाकर डॉक्टरों ने उसकी पाइप बदली और वह सांस ले सकी। बृहस्पतिवार को सीजेएम की ओर से कविता के परिवार को उसके इलाज के लिए दो लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। अभी तक जिला प्रशासन की ओर से करीब 3 लाख रुपये और जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता पीड़ित के परिजनों को दी जा चुकी है। बता दें कि इस मामले में सभी चारों आरोपितों को पुलिस पकड़ चुकी है।

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फोर्टिस अस्पताल में शिफ्ट करने की लगाई पीड़िता की मां ने गुहार

दैनिक जागरण से बातचीत में पीड़ित कविता की मां ने बताया कि अभी भी कविता की हालत नाजुक बनी हुई है। कविता अब दोनों आंखों से नहीं देख पा रही है क्योंकि एक आंख हमेशा के लिए बंद हो चुकी है जबकि दूसरी आंख को बचाने के लिए डाक्टरों ने उसे बंद कर दिया है। क्योंकि यह आंख भी सफेद पड़नी शुरू हो गई थी। साथ ही इस आंख से दिखना भी लगभग बंद हो चुका था। अब इस बात की भी बेहद कम उम्मीद है कि वह इस आंख से देख सके। कविता की मां प्रेम लता ने चंडीगढ़ 32 सेक्टर राजकीय अस्पताल के इलाज से असंतुष्टि जाहिर करते हुए उसकी बेटी को फोर्टिज अस्पताल शिफ्ट कराने की प्रशासन से गुहार लगाई है। प्रेम लता ने कहा कि डाक्टर उसे अभी फोर्टिज नहीं भेज रहे उनका कहना है कि अभी आक्सीजन लगी है। जब आक्सीजन हट जाएगी तो वह उसे फोर्टिज ले जाएं।

न बोल पा रही न खा पा रही कविता

तेजाब पीड़ित कविता न तो अभी तक बोल पाई है न ही कुछ देख पा रही है। इसके अलावा वह कुछ खाने में भी असमर्थ है। इसीलिए उसे चम्मच के जरिए दूध, पानी व तरल पदार्थ ही दिए जा रहे हैं।


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