70 के दशक वाले प्लाजों का महिलाओं में लौटा ट्रेंड
महिलाओं को अब नए फैशन में प्लाजो खूब भा रहा है। ऐसे में वह कुर्ता और पायजामे से दूरी बना रही हैं। 70 के दशक में भी इस तरह का फैशन काफी चला था जो अब नए रूप में आ रहा है। फैशन डिजाइनर भी इसे नए तरीके से पेश कर रहे हैं। दुकानों पर ज्यादातर प्लाजो की डिमांड करती हुई दिखाई देती है। केवल युवतियों ही नहीं बुजुर्ग महिलाओं में इसका क्रेज काफी देखा गया है। दुकानदार भी महिलाओं के फैशन को देख प्लाजों में अलग-अलग तरह की वैरायटियां उपलब्ध करवा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला: महिलाओं को अब नए फैशन में प्लाजो खूब भा रहा है। ऐसे में वह कुर्ता और पायजामे से दूरी बना रही हैं। 70 के दशक में भी इस तरह का फैशन काफी चला था, जो अब नए रूप में आ रहा है। फैशन डिजाइनर भी इसे नए तरीके से पेश कर रहे हैं। दुकानों पर ज्यादातर प्लाजो की डिमांड करती हुई दिखाई देती है। केवल युवतियों ही नहीं बुजुर्ग महिलाओं में इसका क्रेज काफी देखा गया है। दुकानदार भी महिलाओं के फैशन को देख प्लाजों में अलग-अलग तरह की वैरायटियां उपलब्ध करवा रहे हैं। शरारा प्लाजों की ओर युवतियों का ज्यादा रूझान
पहले साधारण कट वाले प्लाजो होते थे, लेकिन अब इन्हें नया लुक दिया जा रहा है। इसमें शरारा सबसे अधिक डिमांड वाला स्टाइल बन गया है। दुकानदार रमेश शर्मा ने बताया कि मात्र दस फीसद ही ऐसी महिलाएं होती हैं जो साधारण कुर्ता-पायजामा लेने के लिए आती हैं। ज्यादातर प्लाजों की डिमांड करती है। जिसके चलते प्लाजों में एक से बढ़कर एक डिजाइन उपलब्ध है। वहीं बुटिक संचालक सुरेश ने बताया कि उसी तरीके से सिम्पल सूट को भी प्लाजों स्टाइल के अंदर सिलवाने के लिए महिलाएं आती है। 70 के दशक का प्लाजो बीच में गायब हो गया था, लेकिन कुछ समय पहले बॉलीवुड की हीरोइन प्लाजो को नए लुक में पहनकर फोटो शूट करवाती नजर आई। उसके बाद फिर से यह प्लाजो ट्रेंड में आ गया। पैंट स्टाइल की तरह तैयार होता है प्लाजो
दयाल बाग निवासी सुरेश बाला ने बताया कि प्लाजो में भी दो प्रकार हैं, एक पैंट प्लाजो और दूसरा शरारा। पैंट प्लाजो नीचे से पैंट की तरह होता है और शरारा बिल्कुल खुला। अधिकतर महिलाएं पैंट प्लाजो की डिमांड करती हैं। प्लाजो शूट की सिलाई 300 से 500 रुपये तक ली जा रही है। प्लाजो के साथ शरारा का क्रेज भी बढ़ा है।