47 गांवों की नहीं हुई ऑनलाइन जमाबंदी, रजिस्ट्रियां अटकीं
जिला के 47 गांवों की रजिस्ट्रियां अटक गई हैं। क्योंकि इन गांवों में जमीन की जमाबंदी ही नहीं हो पाई।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिला के 47 गांवों की रजिस्ट्रियां अटक गई हैं। क्योंकि इन गांवों में जमीन की जमाबंदी ही नहीं हो पाई। इस कारण ऑनलाइन रजिस्ट्री नहीं हो पा रही। हालांकि मैनुअल में गांवों के नाम चढ़े हुए हैं। परंतु इन गांवों को ऑनलाइन नहीं चढ़ाया गया, ये गांव अभी तक ऑफलाइन ही चल रहे हैं।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्रियों में हो रही धांधली पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन का रास्ता अपनाया है। ताकि लोगों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े। लोग ऑनलाइन ही जमीन-जायदाद की डिटेल आसानी से ले सकें। परंतु अभी ऑनलाइन का सिस्टम पूरी तरह से कायम नहीं हो पा रहा। बल्कि इसके लटकने से लोगों के लिए यह सिरदर्द बनकर रह गया है।
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लोन लेने की सुविधा भी रुकी
इन गांवों में जमाबंदी नहीं होने के कारण जमीन और प्लाटों की खरीद-बिक्री बंद हो गई। इतना ही नहीं यहां जमीन के मालिक अपनी संपत्ति पर लोन तक की सुविधा नहीं ले सकते और न ही अपनी संपत्ति को गिरवी रख सकते हैं। ऐसे में जिन संपत्तियों के सौदे हो चुके हैं, उनके बयाने कैंसल होने का संकट छाया रहेगा और कोर्ट केस भी बढ़ेंगे।
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-चार माह में भी अपडेट नहीं हुई साइट
प्रदेश सरकार की ओर से करीबन चार माह से साइट को ऑनलाइन किया जा रहा है। ताकि तहसील का सारा खाता ऑनलाइन हो सके और रजिस्ट्रियां ऑनलाइन हो सके। परंतु जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर चार माह हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया गया। जिस कारण लोग तहसील में धक्के खा रहे हैं। ---------- इन गांवों की नहीं हुई है जमाबंदी -शहर तहसील क्षेत्र में
सौंडा, पती मेहर, अकबरपुर, नन्यौला, आदोमाजरा, सकराहो, बाहपुर, मोहड़ी, महमूदपुर, अलादीन माजरा आदि।
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-छावनी तहसील क्षेत्र में
मंडौर, करधान, टूंडला, खोजकीपुर, पिलखनी, रतनहेड़ी, मच्छौंडा, रछेड़ी, खुड्ड़ा, खुड्डा खुर्द, खजैलपुर, कोट कछुआ।
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-नारायणगढ़ तहसील क्षेत्र में
रायपुर वीरान, छज्जलमाजरा, अकबरपुर, डेहर, बड़ी रसौर, रज्जोमाजरा, कुराली, हमीदपुर, लाहा, फतेहपुर 80, बेरखेड़ी, नखडौली, बारांपुर में अभी जमाबंदी नहीं हुई, जबकि सलोला, हमीरपुर, बख्तुआ, चत्तान में जमाबंदी का काम जारी है।
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-अपडेट साइट में उलझ रहे लोग
जिन प्लाटों की नगर निगम में रजिस्ट्री बयाना तस्दीक हो चुका है और नगर निगम की हद में आते थे उन्हें भी ऑनलाइन पोर्टल में नगर निगम की हद से बाहर दिखा रहा है। जो गांव नगर निगम की हद से 8 किलोमीटर के एरिया से भी बाहर या दूर हैं। ऑनलाइन पोर्टल में उन्हें भी अर्बन एरिया में दिखाता है। जिससे जनता को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अस्टाम्प डयूटी भी अर्बन एरिया के हिसाब से देनी पड़ रही है।
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सरपंच उठा सकते हैं मांग
जिन गांवों की जमाबंदी ऑनलाइन नहीं चढ़ी है। वह तहसीलदार के पास अपनी बात रख सकते हैं। इसके बाद गांव की जमाबंदी ऑनलाइन जल्द हो सकेगी। ऐसे में ग्रामीणों को भी तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
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वर्जन
-तहसील में जमाबंदियों को ऑनलाइन करने को लेकर काम चल रहा है। जब से उन्होंने अंबाला में ज्वाइन किया है कुछ गांवों की जमाबंदी ऑनलाइन भी की गई है। जो गांव बचे हुए हैं उनकी जमाबंदी भी जल्द ऑनलाइन की जाएगी
-वरिद्र गिल, तहसीलदार