46.1 एमएम बरसात से धान की रोपाई पकड़ेगी जोर, लचर निकासी प्रबंधों ने डूबोया
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मंगलवार मध्यरात्रि के बाद से दिन भर रुक-रुक कर हुई 46.1
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मंगलवार मध्यरात्रि के बाद से दिन भर रुक-रुक कर हुई 46.1 एमएम बरसात दर्ज की गई। बरसात बेशक गर्मी से राहत दे गई और धान की रोपाई के लिए भी मुफीद साबित होगी लेकिन निकासी व्यवस्था के इंतजामों ने लोगों की सांसे फूला दी। बरसात के चलते जनजीवन दिन भर प्रभावित नजर आया। इसकी वजह साफ थी कि निकासी को लेकर जिन इंतजामों के दावे किए गए थे वह बरसते पानी में बहते नजर आए। शहर के निचले इलाके तो डूबे ही रहे वहीं, पॉश माने जाने वाले सेक्टरों में निकासी चरमराई रही। जबकि छावनी में दिन के वक्त बरसात दर्ज नहीं की गई। वहीं, इस बरसात के बाद किसानों ने काफी राहत महसूस की। जिले में धान की रोपाई तेज हो गई है। बुधवार को भी विभाग ने बरसात की संभावना व्यक्त की है। वहीं, बरसात के बाद अधिकतम तापमान में 4 डिग्री व न्यूनतम में 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई जो कि अधिकतम 31.2 व न्यूनतम 23.2 दर्ज किया गया।
सुबह जब लोग नींद से जाग रहे थे तब रिमझिम बरसात चल रही थी। ऐसे में नौकरीपेशा और कामकाजी लोगों को अपने काम पर जाने की ¨चता सताने लगी। करीब पौने आठ बजे कुछ देर के लिए बरसात रूकी तो फिर लोग घरों से निकले लेकिन कुछ देर बाद शहर में बरसात होने लगी थी। इसके बाद दोपहर में करीब डेढ़ बजे फिर से बरसात की झमाझम शुरू हो गई और सड़कों पर फिर से पानी जमा हो गया था। जबकि दोपहर में छावनी में बरसात दर्ज नहीं हुई।
लचर साबित हो रहे प्रशासन के निकासी प्रबंध
अहम पहलू यह है कि प्रशासन लंबे समय से निकासी ड्रेनों व नालों की सफाई के दावे कर रहा था । जबकि हकीकत यह थी कि बरसात से पहले छोटे-निकासी नालों की सफाई ही नहीं की गई थी। जिसके चलते शहर के कई हिस्सों में पानी जमा हो रहा है। विशेषकर कपड़ा मार्केट में हालात बिगड़ रहे हैं। शहर के जंडली, नाहन हाउस, कपड़ा मार्केट, बांस बजार, मॉडल टाउन व शहर के सेक्टर-10 में निकासी परेशानी बनी रही।
जीटी रोड की सर्विस लेन में भी जलभराव
शहर के मंजी साहिब से पहले अंबाला-लुधियाना मार्ग पर नई सब्जी मंडी से पहले, वीटा प्लांट के साथ व आगे जंडली पुल के साथ मारूति सुजुकी के सामने सर्विस लेन में पानी भरा रहा जहां से दोपहर बाद भी पानी नहीं उतरा था। जीटी रोड के साथ साथ निकासी के लिए बनाए गए नालों की सफाई बेहाल नजर आई।