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बिजनेस में पार्टनरिशप के नाम पर 2.70 करोड़ ठगे, क्रिस्टल फार्मास्यूटिकल संचालक सहित 5 नामजद

दवाओं के व्यवसाय में पार्टनरशिप का विश्वास दिलाकर युवक से 2 करोड़ 70 लाख की ठगी कर ली गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 02:53 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 02:53 AM (IST)
बिजनेस में पार्टनरिशप के नाम पर 2.70 करोड़ ठगे, क्रिस्टल फार्मास्यूटिकल संचालक सहित 5 नामजद
बिजनेस में पार्टनरिशप के नाम पर 2.70 करोड़ ठगे, क्रिस्टल फार्मास्यूटिकल संचालक सहित 5 नामजद

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: दवाओं के व्यवसाय में पार्टनरशिप का विश्वास दिलाकर शहर विवेक विहार वासी देवेंद्र कुमार मरवाह से 2 करोड़ 70 लाख की हेराफेरी की गई। फर्जी दस्तावेज दिखाकर पार्टनरशिप डीड तैयार की। विश्वास दिलाया था फैक्ट्री के प्लॉट का कुछ हिस्सा उसके नाम कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं किया। उसके बाद पैसे लौटाना तो दूर की बात रही, उल्टे उसे जान से मारने की धमकी दे दी। वर्ष 2014 से आरंभ हुआ लेनदेन करीब साढ़े तीन साल तक चला। ठगी का अहसास होते ही एसपी को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की अपील की गई। आर्थिक अपराध शाखा ने जांच के बाद कार्रवाई की सिफारिश की। देवेंद्र के बयानों पर माडल टाउन वासी मैसर्ज क्रिस्टल फार्मास्यूटिकल के संचालक टीसी कंसल, उनकी पत्नी सुनीता कंसल, बेटा सचिन कंसल, दामाद ललित गुप्ता व उसकी पत्नी मोनू गुप्ता के खिलाफ ठगी, अमानत में खयानत व अन्य धाराओं में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई।

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4 सितंबर 2018 को आर्थिक अपराध शाखा ने डीडीए की राय लेने के बाद अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी।

केस के मुताबिक देवेंद्र का टीसी कंसल के साथ पिछले करीब चार साल से लेनदेन था। कंसल को 65 लाख उधार दे रखे थे। जिसका वह समय पर सूद दे रहा था। मूल जल्द वापस करना था। जनवरी 2017 में आरोपितों ने उससे अपने व्यापार में पार्टनरशिप की आफर दी। बताया कि फैक्ट्री की 1910 वर्ग गज जगह है। उसके चार प्लॉट है।तीन प्लॉट उसकी पत्नी व बेटे के नाम पर है। यदि वह पार्टनरशिप करता है तो तीन प्लॉट उसके नाम कर देंगे। कंसल के दामाद ललित ने उसे विश्वास दिलाया कि वह सरकारी पद पर है। अपने पद का प्रयोग करते हुए उसकी दवाएं बिकवा देगा। विश्वास में लेकर एक पार्टनरशिप डील तैयार की गई लेकिन उसके प्लॉटों का जिक्र नहीं किया गया। केस के मुताबिक काफी कहने के बावजूद प्लॉट उसके नाम नहीं किए। वर्ष 2014 में 65 लाख, 30 अगस्त 2016 को 15 लाख, 1 दिसंबर 2017 को एक करोड़ 70 लाख तथा 1 फरवरी 2017 को बीस लाख दिए जोकि कुल 2 करोड़ 70 लाख बने। उसके बाद पैसे नहीं लौटाए। बलदेवनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जसवंत के मुताबिक ठगी के केस की तफ्तीश जारी है।


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