आरटीआइ के तहत जानकारी नहीं देने पर शिक्षा विभाग के डिप्टी सुपरीटेंडेंट पर 25000 जुर्माना
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एक साल तक आरटीआइ के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एक साल तक आरटीआइ के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सूचना आयुक्त ने अंबाला जिला शिक्षा विभाग के एसपीआइओ कम डिप्टी सुपरीटेंडेंट प्रमोद कुमार पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह जून माह के वेतन से यह राशि काटकर सरकारी खाते में जमा करवाना सुनिश्चित कर रिपोर्ट कार्यालय में भेजें। अंबाला छावनी के अजय गुप्ता की शिकायत पर राज्य सूचना अधिकारी ने यह कार्रवाई की। बता दें कि अंबाला डीईओ कार्यालय में अधिकारी आरटीआइ एक्ट को नहीं मानते। कोई जानकारी समय पर नहीं मिलती। जब तक राज्य सूचना आयुक्त के पास मामला नहीं जाता डीईओ कार्यालय से सूचना नहीं दी जाती।
यह था पूरा मामला
दरअसल, 18 अप्रैल 2017 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अजय गुप्ता ने एसपीआइओ के नाम आरटीआइ लगाई। सूचना नहीं दी गई तो 12 जून 2017 को प्रथम अपील की। फिर भी जानकारी नहीं मिली। अजय गुप्ता ने सेकेंड अपील 3 अक्टूबर 2017 को स्टेट इंफार्मेशन कमिश्नर के नाम लगा दी। 15 जनवरी को स्टेट कमिश्नर ने आर्डर पास कर 1 सप्ताह में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए, लेकिन जिला शिक्षा विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। इस पर कार्रवाई करते हुए 13 मार्च 2018 को स्टेट कमिश्नर ने एसपीआइओ शिक्षा विभाग को कारण बताओ नोटिस भेजा। घबराए एसपीआइओ अंबाला की ओर से चार ¨बदुओं पर 7 मार्च को सूचना उपलब्ध कराई गई। पांचवें ¨बदु पर डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन ने जानकारी 10 अप्रैल 2018 को दी। एक मई को कारण बताओ नोटिस पर सुनवाई हुई।
इन पांच ¨बदुओं पर मांगी गई थी जानकारी
- अंबाला जिले में गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की कुल संख्या।
- अंबाला जिले में निजी स्कूलों की मान्यता से संबंधित जानकारी।
-जिले में 31 दिसंबर 2016 तक आनलाइन प्रोसेस स्कूलों द्वारा जमा कराए गए फार्म छह की जानकारी।
- 31 दिसंबर 2016 तक आफ लाइन प्रोसेस के तहत फार्म छह जमा कराने वाले स्कूलों की सूची।
-फार्म छह के आधार पर 2017-18 सत्र के लिए फीस वृद्धि के लिए स्कूलों को जारी अनुमति की जानकारी।
तर्क भी नहीं आया काम, अब बोले, जाएंगे हाईकोर्ट
राज्य सूचना आयुक्त को प्रमोद कुमार ने बताया कि उन्होंने सितंबर 2017 में एसपीआइओ का कार्यभार संभाला था। ऐसे में यह मामला उनसे पहले का है। इस पर आयुक्त ने पूछा कि कार्यभार संभालने के बाद आपने क्या किया। प्रमोद ने कहा कि उन्होंने सूचना उपलब्ध करा दी। चार ¨बदुओं पर याची ने संतुष्टि भी जता दी है। इस पर आयुक्त ने कहा कि आपने तो कारण बताओ नोटिस के बाद जवाब दिया है। इससे पहले छह महीने क्या किया? इसका जवाब प्रमोद के पास नहीं था। प्रमोद का कहना है कि उन पर गलत जुर्माना लगाया गया है। वह इसकी अपील हाईकोर्ट में करेंगे।