सुपर 100 के तीन विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस में मारी बाजी
सुपर 100 पास करने के बाद रेवाड़ी और चंडीगढ़ में कोचिग कर रहे विद्यार्थियों ने दम दिखा दिया है। जिसमें जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा को पास किया है। इसमें जिले के तीन विद्यार्थी चुने गए हैं। ये तीनों विद्यार्थी ही ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सुपर 100 पास करने के बाद रेवाड़ी और चंडीगढ़ में कोचिग कर रहे विद्यार्थियों ने दम दिखा दिया है। जिसमें जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा को पास किया है। इसमें जिले के तीन विद्यार्थी चुने गए हैं। ये तीनों विद्यार्थी ही ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। इन बच्चों की सफलता के बाद लोगों का कहना है कि सरकार ने जिस उद्देश्य के साथ इस योजना को शुरू किया था उसका असर अब दिखने लगा है। ग्रामीण क्षेत्र के वैसे बच्चे जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है वे इस योजना का लाभ उठाकर ट्यूशन ले रहे थे और अब जेईई एडवांस में सफलता हासिल कर प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
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रैंक के मुताबिक मिलेगा कालेज
सूरज चौहान ने बताया कि वह नारायणगढ़ क्षेत्र के गांव बड़ा गांव का रहने वाला है और उसके पिता किसान हैं। उसने सुपर 100 का लेवल वन और टू पास किया था। दसवीं की पढ़ाई अपने गांव में की थी। 80 फीसद अंक वालों को सुपर 100 में हिस्सा लेने का मौका मिला था। इसके बाद रेवाड़ी में दो साल कोचिग की और इसके साथ ही 12वीं कक्षा की पढ़ाई की। जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा पास की। अब वह आइआइटी और एनआइटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। जो केंद्र सरकार के कालेज होंगे, उनमें रैंक के मुताबिक कालेज में मौका मिलेगा।
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गांव रौला के रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि रामपुर सरसेहड़ी में दसवीं कक्षा की। रेवाड़ी में कोचिग की। वहां पर जो टेस्ट देते वह उसकी तैयारी करते थे। जिसके बाद उन्हें इसका परिणाम मिल गया है। उन्होंने बताया कि वह हिदी माध्यम से थे और वहां पर अंग्रेजी थी। इस कारण शुरुआत में दिक्कत आई, लेकिन बाद में सब हल होने लगा। इतना ही नहीं कोचिग के दौरान उत्साह टूट भी जाता था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और पढ़ने पर मेहनत करते रहे।
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आनलाइन क्लास करने में आई परेशानी
निखिल ने बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ में सेंटर से कोचिग ली है और वह तेपला के रहने हैं। तेपला में ही दसवीं की परीक्षा पास की थी। इस साल आनलाइन में जरूर परेशानी आई। क्योंकि आफलाइन नहीं था। मेटेरियल नहीं मिल रहा था। इसके साथ घर में बैठकर पढ़ाई करने में भी परेशानी आयी। लेकिन बाद में इसे दुरुस्त किया गया था। उन्होंने बताया कि पिता इंडस्ट्रीज एरिया में नौकरी करते हैं। उन्हें मोबाइल पर ही पढ़ाई करनी होती थी, लेकिन मोबाइल पर कभी नेटवर्क तो कभी छोटी स्क्रीन होने के कारण नजर नहीं आ रहा था। यदि लैपटाप हो तो ज्यादा बेहतर होता।