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गन्ने का बकाया भुगतान नहीं होने पर किसानों ने मिल गेट पर किया प्रदर्शन

गन्ना किसान संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को गन्ना उत्पादक किसानों ने चीनी मिल गेट पर प्रदर्शन कर मिल प्रबंधन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 07:52 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:52 AM (IST)
गन्ने का बकाया भुगतान नहीं होने पर किसानों ने मिल गेट पर किया प्रदर्शन
गन्ने का बकाया भुगतान नहीं होने पर किसानों ने मिल गेट पर किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, शहजादपुर : नारायणगढ़ चीनी मिल बनोंदि से गन्ने की बकाया पेमेंट को लेकर भाकियू (चढूनी ग्रुप) व गन्ना किसान संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को गन्ना उत्पादक किसानों ने चीनी मिल गेट पर प्रदर्शन कर मिल प्रबंधन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एसडीएम नारायणगढ़ व मिल प्रशासन ने मौके पर पहुंच किसानों से बातचीत कर आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी पेमेंट कर दी जाएगी। किसान नहीं मानें और कहा कि यदि मिल प्रबंधन ने 10 मार्च तक 28 फरवरी तक का बकाया भुगतान नहीं किया तो महापंचायत कर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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भाकियू(चढूनी ग्रुप) के जिला अध्यक्ष मलकीत सिंह, मीडिया प्रभारी राजीव शर्मा, गन्ना किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विनोद राणा, प्रदेश महासचिव बॉबी बधोली, प्रताप पतरेहडी आदि का कहना था कि मिल प्रबंधन बकाया भुगतान के लिए हर बार आश्वासन देकर अपनी बात पर खरा नहीं उतरता है। किसानों का लगभग 100 करोड़ से अधिक बकाया मिल नहीं दे रहा है। किसानों के बीच पहुंची एसडीएम डा. वैशाली शर्मा, मिल प्रबंधन की ओर से नरेंद्र मलिक, मनोज बंसल, परविदर राठी ने किसानों को समझाते हुए कहा कि मौजूदा सत्र व पिछला बकाया सहित लगभग 78 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मिल के पास लगभग 40 करोड़ की चीनी का स्टॉक है, जिसकी एवज 25 करोड़ रुपये के लोन की बातचीत बैंक के साथ चल रही है। लोन मिलते ही किसानों का पूरा बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।

किसानों के हित में काम कर रही है केंद्र सरकार : कटारिया

अंबाला : केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ कानून बनाने का साहस नहीं कर सकती। भारत को खाद्यान्न के मामलों में आत्मनिर्भर बनाने वाले किसानों के हित में लगातार ऐसे कदम उठा रही है जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो सके।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार किसानों को बातचीत का न्योता दे रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर कृषि कानूनों में संशोधन का आश्वासन भी दे चुके हैं। इसके बावजूद भी 40 लाख ट्रैक्टर के साथ दिल्ली कूच की धमकी व फसल में आग लगाने के बयान देकर यह तथाकथित किसान नेता किसका भला करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों से किसानों में एक नई उम्मीद जगी है, बीते 6 सालों से कांग्रेस और उनके अंतरिम गुटों ने कभी दलितों, कभी दूसरी जातियों तो कभी किसानों को भड़काकर देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की है।


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