श्रीमद् भागवत कथा ही परमात्मा से मिलने का सर्वोत्तम साधन : रवि शंकर
जैन कालेज रोड स्थित दुखभंजनी काली माता मंदिर धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा हुई। श्रीश्री 1008 स्वामी सिचदानंद गिरी महाराज के सानिध्य में कथा व्यास पुराणाचार्य श्री रवि शंकर पराशर (बवेली महाराज) वृंदावन धाम वाले ने श्रद्धालुओं से कहा कि परमात्मा से मिलने का सर्वोत्तम साधन है श्रीमद् भागवत है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जैन कालेज रोड स्थित दुखभंजनी काली माता मंदिर धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा हुई। श्रीश्री 1008 स्वामी सच्चिदानंद गिरी महाराज के सानिध्य में कथा व्यास पुराणाचार्य श्री रवि शंकर पराशर (बवेली महाराज) वृंदावन धाम वाले ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा से मिलने का सर्वोत्तम साधन है श्रीमद् भागवत है।
उन्होंने कहा कि सत्य ही परमात्मा है ओर सत्य के सहारे ही नर नारायण के समीप पहुंचा जा सकता है। असत्य बोलने से जीव के पुण्य क्षण होते है। रवि शंकर पराशर ने कहा कि यदि हमारा आचार विचार शुद्ध होगा तो कभी भी कलि हममें प्रवेश नहीं कर सकता। कलियुग में केवल दान ही प्रधान है, जबकि सतयुग में धर्म के चार तत्व थे। त्रेता में सत्य चला गया, द्वापर में सत्य और तप न रहे और कलियुग में तो सत्य, तप और पवित्रता तीनों चले गए। जीव केवल दान देकर और प्रभु नाम जपकर ही अपने जीवन को दिव्य बना सकता है। रवि शंकर पराशर ने कहा कि भोगमयी जीवन से ठाकुर दूर रहते हैं और शुद्ध हदय वालों में निवास करते हैं।
उन्होंने कहा कि सद्गुरु और ईश्वर तत्व एक है। सद्गुरु की कृपा से जीव ईश्वर दर्शन कर सकता है। सांसारिक पदार्थों में वास्तविक सुख नहीं है। परमात्मा तो परमानंद हैं। उनसे प्रति लगाओगे तो परमानंद ही मिलेगा। जिसने अपने मन पर नियंत्रण कर लिया वही संत है। राजा परीक्षित ने मन पर नियंत्रण किया तभी उन्हें शुकदेव जैसे महापुरुष मिले। इस दौरान आशीष गुप्ता हिराक हर्बल वाले, कृष्ण लाल आहूजा, विजय आहूजा ने शिरकत की। इस अवसर पर अंशुल बंसल, रविद्र गुप्ता, विजय गुप्ता, हर्ष सेठी, आशीष आदि मौजूद रहे।