पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि से किराया और बढ़ेगा
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से किराये में बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं। हालांकि कई कंपनियों ने करीबन 3 फीसदी तक किराये को बढ़ा भी दिया है लेकिन इससे ट्रांसपोर्टर संतुष्ट नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से किराये में बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं। हालांकि कई कंपनियों ने करीबन 3 फीसदी तक किराये को बढ़ा भी दिया है, लेकिन इससे ट्रांसपोर्टर संतुष्ट नहीं हैं। ट्रांसपोर्टरों की माने तो उनके खर्चे दस फीसदी तक बढ़ चुके हैं, लेकिन किराये में अभी 3 फीसदी बढ़ोतरी हुई। यह भी बड़ी कंपनियों ने की है। बाजार में काम संभालने वाले ट्रांसपोर्टर प्रतिस्पर्धा के कारण दाम बढ़ा नहीं पा रहे।
दुग्गल ट्रांसपोर्ट अंबाला छावनी के आशू ने कहा कि ट्रांसपोर्ट्स ने जिन कंपनियों का मॉल पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं वहां से भाड़ा नहीं बढ़ा, जबकि डीजल के बढ़े दाम का भुगतान तुरंत किया जाता है। प्राइवेट में आने वाले माल ढुलाई का भाड़ा लगभग 5 फीसद बढ़ाया जा रहा है।
------------ -ट्रांसपोटर्स को बड़ा नुकसान
सहगल गोल्डन ट्रांसपोर्ट अंबाला छावनी के संजय बिद्रा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट के व्यापार पर तेल के बढ़े दाम की सीधा असर पड़ता है। डीजल के दाम बढ़ चुके हैं, मॉल भाड़ा भी बढ़ाया जा रहा है। लोग डीजल का रेट बढ़ने के बाद भड़ा में बढाकर देना नहीं चाहते हैं। इसका ट्रांसपोटर्स को नुकसान हो रहा है। -------------- -पार्टी को भाड़ा बढ़ाने को बोला
गोसाइ ट्रासपोर्ट के प्रेम गोसाइ ने बताया कि डीजल का रेट बढ़ने के अगले दिन पार्टियों से भाड़ा बढ़ाने के लिए कहा गया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में जब तक पार्टी का जवाब नहीं आता ट्रांसपोटर्स को रोजाना बड़ा नुकसान हो रहा है। इस समस्या को कोई समझने वाला नहीं है। ------------- -पुराना किराया चल रहा
राजेश तलवार ने बताया कि तेल की कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन किरायों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी पुराने रेट ही चल रहे है। पार्टियों को कंपीटिशन के कारण कम रेट पर ही है। पिछले छह माह से पुराना किराया चल रहा है। अहमदाबाद तक 110 रुपये प्रति क्विटल था अब भी यही, मुंबई 150 रुपये प्रति क्विटल था और इस समय भी यही। किराया नहीं बढ़ा परंतु हमारी बचत में कमी आ गई है।
------ -खर्चा दस फीसद बढ़ा
सिद्धार्थ भसीन ने बताया कि टोल और डीजल में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन किराया में 3 से 4 फीसदी तक बढ़ा है जबकि उनका खर्च 10 फीसदी तक बढ़ चुका है। खर्च के मुताबिक किराया नहीं बढ़ रहा, जिस कारण मुश्किलें बढ़ रही है। वह चाहते हैं किराया बढ़े, मगर कंपीटिशन के कारण दिक्कत आ रही है।