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सीबीएसइ : विद्यार्थियों का होगा स्किल डेवलेपमेंट, सीखेंगे कई काम

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसइ) से जुड़े स्कूलों में अब विद्यार्थियों का स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:10 AM (IST)
सीबीएसइ : विद्यार्थियों का होगा स्किल डेवलेपमेंट, सीखेंगे कई काम
सीबीएसइ : विद्यार्थियों का होगा स्किल डेवलेपमेंट, सीखेंगे कई काम

जागरण संवाददाता, अंबाला:

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसइ) से जुड़े स्कूलों में अब विद्यार्थियों का स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहा है। शिक्षा सत्र 2021-22 से तीन स्तर पर यह कार्यक्रम शुरू होगा। इसी को लेकर बाकायदा सीबीएसई ने लिस्ट जारी की है, जिसके आधार पर विभिन्न स्किल बच्चों को सिखाई जाएंगी। इसका मकसद विद्यार्थी जीवन से ही बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे भविष्य में इन सीखी गई स्किल के आधार पर अपना करियर भी बना सकें। इसको लेकर स्कूलों में तैयारियां की जा रही हैं। खास है कि सबसे ज्यादा फोकस छठी से आठवीं तक के बच्चों पर है।

तीन स्तर पर लिस्ट की जारी है, रजिस्ट्रेशन भी मांगे

सीबीएसई ने छठी से आठवीं, नौंवी व दसवीं तथा 11वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए तीन लिस्टें की हैं। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग स्किल डेवलेपमेंट कोर्स दिए गए हैं। सबसे ज्यादा फोकस छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों पर है। इन कक्षाओं के लिए विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स करने जरूरी हैं। इस में नौ कोर्स सिलेक्ट किए गए हैं, जिसका सिलेबस बारह घंटे पढ़ाया जाना है। यह परीक्षा पचास नंबर की होगी, जबकि इस में 15 अंक थ्योरी व प्रेक्टिकल 35 अंक के होंगे। इसी तरह नौंवी व दसवीं के विद्यार्थियों के लिए 18 कोर्स सिलेक्ट किए गए हैं, जो सौ नंबर के होंगे। इन में पचास अंक थ्योरी तथा पचास अंक प्रेक्टिकल के होंगे। इसी तरह 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए 38 कोर्स सिलेक्ट किए गए हैं। यह परीक्षा सौ अंकों की होगी। इसकी परीक्षा भी थ्योरी और प्रेक्टिकल पर ही रहेगी। किसी कोर्स में थ्योरी 70, 60, 50 अंकों की होगी, जबकि बाकी अंक प्रेक्टिकल के होंगे। इसके लिए स्कूलों से शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए आवेदन मांगे गए हैं। सीबीएसई ने शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए स्किल डेवलेपमेंट के लिए कार्यक्रम तैयार किया है। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए हैं। छठी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए अनिवार्य किया गया है। इससे बच्चों में स्किल डेवलेपमेंट होगा और वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।

- प्रवीण कुमार, प्रिसिपल, भारतीय पब्लिक स्कूल, अंबाला कैंट


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