टॉप बॉक्स.. कैंसर इलाज के लिए तीन विदेशी मशीनें लॉकडाउन के कारण अमेरिका में फंसी
छावनी नागरिक अस्पताल में कैंसर टर्सरी सेंटर शुरू करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। टर्सरी सेंटर में लगने वाली तीन विदेशी मशीनें लॉकडाउन में भारत नहीं पहुंच सकी।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी नागरिक अस्पताल में कैंसर टर्सरी सेंटर शुरू करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। टर्सरी सेंटर में लगने वाली तीन विदेशी मशीनें लॉकडाउन में भारत नहीं पहुंच सकी। अमेरिका सहित यूरोपियन देशों से लगभग 27 करोड़ की लागत से तीन आधुनिक मशीनें अंबाला के कैंसर टर्सरी सेंटर में लगाई जानी हैं। कैंसर मरीजों की इलाज से लेकर आपरेशन पीपीपी मोड पर नागरिक अस्पताल छावनी के कैंसर टर्सरी सेंटर में होना है। छावनी अस्पताल में कैंसर रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सक की ओपीडी में कुल 370 मरीज रजिस्टर्ड हैं, जिनका इलाज अंबाला में हो रहा है और टेस्ट के लिए पीजीआइ जाना पड़ता है। यहां छह जिले के मरीज अपना इलाज करा रहे हैं। - टर्सरी सेंटर में लगेंगी ये मशीनें
नागरिक अस्पताल छावनी में पीपीपी मोड पर शुरू होने वाले कैंसर टर्सरी सेंटर में हाई एनर्जी लीनियर एक्सलीरेटर, ब्रेकी थेरेपी और सीटी स्टियूमीलेटर अमेरिका सहित यूरोपियन देशों से अंबाला में आनी थी। - सेंटर निर्माण पर अब तक 65 करोड़ खर्च
अंबाला छावनी नागरिक अस्पताल में तैयार किए जा रहे कैंसर टर्सरी सेंटर के निर्माण पर 65 करोड़ खर्च हो चुके हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस सेंटर के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था, जिसका निर्माण डेढ़ साल में किया जाना चाहिए था। अब माना जा रहा है कि मार्च 2021 में बिल्डिग का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। - 370 मरीज फिलहाल ओपीडी में ले रहे हैं इलाज
अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में कैंसर के 370 मरीज हैं, जिसका उपचार चल रहा हैं। इनको दवाइयां दी जा रही हैं, जबकि विशेष परिस्थितियों में पीजीआइ भेजा जाता है। कैंसर सेंटर बनने के बाद पीजीआइ पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। मरीजों को एडवांस इलाज अंबाला छावनी में बनने वाले कैंसर टर्सरी सेंटर में मिलेगा। छावनी अस्पताल में अंबाला के अलावा पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, सहारनपुर और कैथल तक के मरीज इलाज कराने आते हैं। अस्पताल में टर्सरी सेंटर शुरू होने से मरीजों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्जन
कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन था। इसलिए विदेश से मशीनें नहीं आ पाईं। संबंधित कंपनी को जल्द ही मशीन इंस्टाल करने को कहा गया है।
डा. विनय गोयल, डिप्टी एसएमओ, नागरिक अस्पताल अंबाला कैंट