आए थे परवरदिगार से जुड़ने का रास्ता सीखने, कानूनी दांवपेंच में फंसे
निजामुद्दीन से मुस्लिम समाज के 11 लोग परवरदिगार से जुड़ने की तालीम हासिल करने के लिए अंबाला पहुंचे। अभी वह अपने धर्म में व्यस्त थे तभी पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई और कानूनी पेंच में फंस गए। इसमें आठ नेपाली और एक श्रीलंका का व्यक्ति शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ अंबाला पुलिस ने केस दर्ज कर 1 मई को सेंट्रल जेल भेज दिया। श्रीलंका से आए व्यक्ति का पासपोर्ट जब्त है।
- दो महीने सलाखों के पीछे रहे श्रीलंका से एक और नेपाल के आठ विदेशी जागरण संवाददाता, अंबाला :
निजामुद्दीन से मुस्लिम समाज के 11 लोग परवरदिगार से जुड़ने की तालीम हासिल करने के लिए अंबाला पहुंचे। अभी वह अपने धर्म में व्यस्त थे, तभी पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई और कानूनी पेंच में फंस गए। इसमें आठ नेपाली और एक श्रीलंका का व्यक्ति शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ अंबाला पुलिस ने केस दर्ज कर 1 मई को सेंट्रल जेल भेज दिया। श्रीलंका से आए व्यक्ति का पासपोर्ट जब्त है। जेल से इन सभी की रिहाई के लिए अंबाला और यमुनानगर से मुस्लिम समाज के 22 लोगों ने 18 लाख जमा करके जमानत कराई। अब कोर्ट में इन सभी को 5 अगस्त को पेश होना है, कोर्ट से अगर राहत मिली तो वह अपने ठिकाने पर जा सकेंगे, अन्यथा उन्हें अभी छावनी के चूना चौक स्थित जामा मस्जिद में और समय बिताना होगा। निजामुद्दीन से ट्रेन में सवार होकर पहुंचे अंबाला
निजामुद्दीन मदरसे से जोधपुर राजस्थान के मौलवी मोहम्मद आसिम और आसाम के मौलवी शहनवाज की अगुवाई में श्रीलंका के मौलवी रिफ्शान और नेपाल के जिलों के अब्दुल गनी, मनसूर अहमद, मोहम्मद यासीन, मोहम्मद बसीर, मोहम्मद मुस्ताफा, भौज मिया, मोहम्मद नाजिर और फैजुलहक ट्रेन में सवार होकर 10 मार्च 2020 को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पहुंचे। अभी वह छावनी के टांगरी बांध, राम किशन कालोनी और चूना चौक स्थित मस्जिद में थे कि पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गया और इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार करके सेंट्रल जेल भेज दिया। राजस्थान और आसाम के मौलवी घर रवाना
मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों को कोर्ट ने 25 जून को जमानत दी, जमानत के लिए 18 लाख की संपत्ति के कागजात प्रस्तुत करने को कहा। जमानत के लिए कागजातों की जांच के बाद वह जेल से रिहा हुए। जोधपुर राजस्थान के मौलवी मोहम्मद आसिम और आसाम के मौलवी शहनवाज 17 मई को अपने अपने घर रवाना हो गए।