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2019 में टीचर्स रहे एग्जाम ड्यूटी में गैरहाजिर, बोर्ड ने रोके उन स्कूलों के रोल नंबर : कुलभूषण

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा रोल नंबर रोके जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी ने मार्च 2019 में हुए बोर्ड एग्जाम के दौरान ड्यूटी में गैरहाजिर रहने वाली टीचर्स की सजा एक साल बाद प्रदेश के लाखों बच्चों को देने के आदेश जारी कर दिए। उन सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को रोल नंबर रोक दिए जिन स्कूलों की टीचर्स ने मार्च 2019 में हुए बोर्ड एग्जाम में ड्यूटी नहीं दी। रोल नंबर रोककर लाखों बच्चों को परेशान कर रहे हैं जबकि 3 मार्च से इन बच्चों के बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 08:18 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:18 AM (IST)
2019 में टीचर्स रहे एग्जाम ड्यूटी में गैरहाजिर, बोर्ड ने रोके उन स्कूलों के रोल  नंबर : कुलभूषण
2019 में टीचर्स रहे एग्जाम ड्यूटी में गैरहाजिर, बोर्ड ने रोके उन स्कूलों के रोल नंबर : कुलभूषण

जागरण संवाददाता, अंबाला

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फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा रोल नंबर रोके जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी ने मार्च 2019 में हुए बोर्ड एग्जाम के दौरान ड्यूटी में गैरहाजिर रहने वाली टीचर्स की सजा एक साल बाद प्रदेश के लाखों बच्चों को देने के आदेश जारी कर दिए। उन सभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को रोल नंबर रोक दिए, जिन स्कूलों की टीचर्स ने मार्च 2019 में हुए बोर्ड एग्जाम में ड्यूटी नहीं दी। रोल नंबर रोककर लाखों बच्चों को परेशान कर रहे हैं, जबकि 3 मार्च से इन बच्चों के बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं।

शर्मा ने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड का एक साल बाद इस तरह का एक्शन उचित नहीं। टीचर्स ने मार्च 2019 में हुए एग्जाम के दौरान ड्यूटी नहीं दी तो बोर्ड अधिकारियों को एग्जाम के बाद तुरंत लेटर जारी कर इस संबंध में स्कूलों से पूछना चाहिए था। लेकिन अब एक साल बाद बच्चों के एग्जाम की तारीख घोषित हो चुकी है तो बच्चों के रोल नंबर रोकना गलत है। करीब 1000 स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के रोल नंबर रोक दिए हैं, तो वहीं अब स्कूलों पर दबाव बनाकर 5000 रुपए जुर्माना मांगा जा रहा है। रोल नंबर रोके जाने से विद्यार्थी मानसिक दबाव में हैं। इसी को लेकर फेडरेशन बच्चों की तरफ से बाल कल्याण आयोग व मानव अधिकार आयोग को भी शिकायत करेगी।


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