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बोल बम का उद्घोष कर हरिद्वार से गंगाजल लेने निकले शिवभक्त

अंबाला छावनी के रास्ते चंडीगढ़ पंजाब हिमाचल सहित अन्य प्रदेश से शिवभक्त कांवड़ लेकर निकले हैं। अंबाला छावनी से लेकर अंबाला शहर में जगह-जगह धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कांवड़ लेकर आने जाने वालों की सुविधा के लिए कैंप संचालित कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:59 AM (IST)
बोल बम का उद्घोष कर हरिद्वार से गंगाजल लेने निकले शिवभक्त
बोल बम का उद्घोष कर हरिद्वार से गंगाजल लेने निकले शिवभक्त

जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला छावनी के रास्ते चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल सहित अन्य प्रदेश से शिवभक्त कांवड़ लेकर निकले हैं। अंबाला छावनी से लेकर अंबाला शहर में जगह-जगह धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कांवड़ लेकर आने जाने वालों की सुविधा के लिए कैंप संचालित कर रहे हैं। कांवड़ लेकर निकले कुछ शिव भक्त तो गाने की धुन पर बोल बम का उद्घोष करके चल रहे हैं तो कुछ शिव का स्मरण करके भक्तिरस से सराबोर हैं। जैसे-जैसे ही शिव रात्रि का पर्व नजदीक आता जा रहा है। इसके साथ ही हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिव भक्तों का कारवां अपनी मंजिल शिवालयों की तरफ बढ़ने लगा है। बोल बम बम बम के गगनभेदी उद्घोष सुनाई देने लगे। इधर, शिव भक्तों की सुरक्षा को लेकर पुलिस अलर्ट है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस भी मुस्तैद है। बड़ी संख्या में शिवभक्त हरिद्वार के लिए गंगाजल लेने के लिए रवाना हो रहें हैं। दूसरी ओर, विभिन्न राज्यों दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के कांवड़ियां गंगाजल लेकर आने लगे। दिनभर यात्रा पर निकलने के बाद रात में शिवभक्त आराम कर रहे है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे शिवभक्त 21 फरवरी शुक्रवार को शिव रात्रि पर जलाभिषेक करेंगे। 21 फरवरी को इन शिवालयों में होगा जलाभिषेक

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- हिल रोड श्री सनातन धर्म मंदिर अंबाला छावनी।

- श्री बुद्धेश्वर महादेव शिवलिग, अंबाला छावनी।

- हाथी खाना मंदिर, अंबाला छावनी।

- कालीबाड़ी मंदिर, अंबाला छावनी।

- रानी का तालाब, अंबाला छावनी।

- जमुनाद्वार मंदिर, अंबाला छावनी।

- विश्वकर्मा मंदिर, अंबाला छावनी।

- लक्ष्मी नारायण मंदिर, अंबाला छावनी। फोटो : 28

हरि की पौड़ी से पटियाला वापस हुई भक्तों की टीम

पंजाब के पटियाला नाभा से शिव भक्तों की युवा टीम 300 किमी का पैदल सफर करके हरि की पौड़ी हरिद्वार से वापस होने लगी है। लगातार 15वीं बार कांवड़ लेकर निकले छज्जूभट के युवा अमित जोशी, हरप्रीत शर्मा, नीतू शर्मा, खुशप्रीत जोशी ने बताया कि उन्हें हरिद्वार से गंगाजल लेकर वापस आने में 300 किमी का सफर तय करना पड़ता है। इसमें टीम को करीब छह दिन का समय लगता है। बताते हैं कि भोलेनाथ की हम भक्तों पर इतनी कृपा है कि रास्ते में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। कहा कि हरिद्वार से लेकर यहां तक जगह जगह दानियों ने कैंप लगा रखे हैं। कैंपों में खाने के साथ आराम करने और बीमार होने की स्थिति में दावा का प्रबंध है। कांवड़ों के लिए लगा कैंप

फोटो: 29

श्री शिव सेवा कांवड़ संघ की तरफ से ग्रेस बैंक्वेट हाल में पालकी कांवड़ का विशेष प्रबंध किया गया है। यहां 17 फरवरी को 90 कांवड़ियों का दल हरिद्वार से नाभा (पटियाला), कोटकपूरा, मोगा, गिदड़बाहा से आए शिवभक्तों को भोजन के साथ दवा से लेकर आराम करने की सुविधा दी गई। इस अवसर पर संघ के प्रधान सुभाष गोयल व अन्य सदस्यगण अजय अग्रवाल (पप्पु), एससी गोयल, संजय गुप्ता, अनिल कुमार (लिल्ला), संजय गुप्ता, विनोद मित्तल, सतीश मित्तल, पवन गोयल, रजनीश, अमित, अजय, पीएम साहू, सुरिन्दर राणा, अनिल, अरूण, मनीष, पुष्पा वैश, रमेश जोशी, चन्द्र, रिमी, अमित, छोटू, राजू, अनिल मंगला, गुलशन, हरिश, नरेश, युधिष्ठिर, एस बत्रा इत्यादि भी उपस्थित थे। शिवरात्रि पर गंगाजल के जलाभिषेक का महत्व विशेष

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गंगाजल को शिवभक्त शिवरात्रि के महापर्व पर शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। शिवरात्रि को गंगाजल से जलाभिषेक करने का विशेष महत्व हैं। जो भक्त सच्चे मन से पूरी आस्था और विधि विधान से जलाभिषेक करता है तो भोलेनाथ की उस पर सदैव कृपा बनी रहती है। शिवभक्त कांवड़ों के लिए हिलरोड श्री सनातन धर्म सभा की तरफ से जगह जगह कैंप लगाया गया है। देवी प्रसाद पुरोहित, मुख्य पुजारी श्री सनातन धर्म मंदिर हिल रोड अंबाला। फोटो : 31

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरंभ अग्निलिग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था।

पंडित बुद्धि त्रिपाठी, पुजारी श्री सनातन धर्म मंदिर अंबाला छावनी।


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