प्रदूषण जांच केंद्र होंगे ऑनलाइन, सरकार की रहेगी मॉनिटरिग
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र अब सीधे सरकार की निगरानी में रहेंगे। इसके लिए इन प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है जिसके बाद हर वाहन की जांच पर सरकार की नजर रहेगी। यह केंद्र सरकार के वाहन साफ्टवेयर से जुड़ेंगे जिसके जरिये सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
जागरण संवाददाता, अंबाला : वाहन प्रदूषण जांच केंद्र अब सीधे सरकार की निगरानी में रहेंगे। इसके लिए इन प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है, जिसके बाद हर वाहन की जांच पर सरकार की नजर रहेगी। यह केंद्र सरकार के वाहन साफ्टवेयर से जुड़ेंगे, जिसके जरिये सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी। अभी तक यह केंद्र अपने स्तर पर ही साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर जांच कर रहे थे, जबकि अब ऑनलाइन होने के बाद इस में काफी बदलाव होगा। इसके लिए 19 जुलाई को एडीसी कार्यालय में केंद्र संचालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह है योजना
वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की कार्यप्रणाली अब सीधे सरकार की निगरानी में रहेगी। किस वाहन की कौन सा प्रदूषण जांच केंद्र रिपोर्ट तैयार कर रहा है, उसकी रिपोर्ट क्या है, कितने बजे यह रिपोर्ट तैयार की गई, इसका सारा रिकार्ड सरकार के पास रहेगा। इसके लिए सरकार प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन कर सीधे सरकार की वाहन साफ्टवेयर से जुड़ेंगे, जिसका देश भर में एक ही कंट्रोल रहेगा। अब तक यह जांच केंद्र प्रदूषण विभाग के अधीन नहीं थे, जबकि अब इनको इस विभाग के अधीन भी किया जाएगा। इस बारे में सारी औपचारिकताएं पूरी करने की जिम्मेदारी आरटीए विभाग को दी गई है।
ट्रेनिग के साथ ही होगा काम पूरा
आरटीए विभाग के माध्यम से जांच केंद्र संचालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस में बताया जाएगा कि कैसे साफ्टवेयर के जरिये जांच की जानी है। जांच के दौरान क्या सावधानियां बरतनी है, किस तरह से डाटा फीड होगा। इसके साथ ही इन केंद्रों को ऑनलाइन किया जाएगा। प्रशिक्षण का मकसद यही है कि संचालकों को सारी जानकारी हो, ताकि दिक्कत न आए। माना जा रहा है कि सारा रिकार्ड ऑनलाइन होने के चलते किस वाहन का प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र कब खत्म हो रहा है, इसकी जानकारी भी वाहन मालिक तक पहुंच जाए।
वर्जन
वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें इसकी कार्यप्रणाली के बारे में बताया जाएगा। सरकार का यह अच्छा कदम है।
- शक्ति सिंह, एडीसी अंबाला