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स्टांप पेपर की टेंपरिग में फंसा इनेलो नेता का बेटा व भतीजा, जुर्माना भरने के बावजूद लटकी काूननी तलवार

सन 2011 में 35300 रुपये के स्टांप पेपर की टेंपरिग के मामले में इनेलो व्यापार सैल प्रधान ओंकार सिंह का बेटे सहित तीन लोगों के खिलाफ अंबाला शहर विजिलेंस ने धोखाधड़ी साजिश के तहत मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:33 AM (IST)
स्टांप पेपर की टेंपरिग में फंसा इनेलो नेता का बेटा व भतीजा, जुर्माना भरने के बावजूद लटकी काूननी तलवार
स्टांप पेपर की टेंपरिग में फंसा इनेलो नेता का बेटा व भतीजा, जुर्माना भरने के बावजूद लटकी काूननी तलवार

जागरण संवाददाता, अंबाला

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सन 2011 में 35300 रुपये के स्टांप पेपर की टेंपरिग के मामले में इनेलो व्यापार सैल प्रधान ओंकार सिंह का बेटे सहित तीन लोगों के खिलाफ अंबाला शहर विजिलेंस ने धोखाधड़ी, साजिश के तहत मामला दर्ज किया है। अंबाला छावनी के सावन विहार में 65 गज का मकान की खरीद फरोख्त में फर्जी स्टांप पेपर इस्तेमाल किया गया। हालांकि यह मामला प्रकाश में आने के बाद मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन बीस हजार रुपये जुर्माना और 35300 रुपये 8 फरवरी 2014 को जमा करा दिया गया था। एक बार फिर स्टांप पेपर की टेंपिरंग का जिन्न बाहर आ गया है और अब विजिलेंस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू की है। विजीलेंस की जांच में अब स्पष्ट हो पाएगा कि स्टांप पेपर टेंपरिग का मामला एक ही है या फिर कोई और है।

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इस तरह 2011 का जिन्न अब निकला बाहर सन 2011 में रेनू रानी निवासी कुंज विहार ने करधान गांव के रिहायशी प्लाट की रजिस्ट्री के लिए छावनी तहसील में बयनामा प्रस्तुत किया था। 35300 रुपये के जो स्टांप पेपर इस्तेमाल किया गया था उसको टेंपर किया गया था। एसबीआई मैनेजर ने 8 नवंबर 2011 को जांच में बताया था कि 26 अक्तूबर 2011 की बजाय 26 नवंबर 2010 को यह स्टांप पेपर जारी किया गया था। इस टेंपरिग पर नायब तहसीलदार ने राजस्व का नुकसान होने के चलते मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी। 6 फरवरी 2014 को डीसी ने छावनी तहसीलदार को पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया कि ओंकार सिंह के बेटे दमनप्रीत को आदेश दिए हैं कि 35 हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और 20 हजार रुपये जुर्माना जमा कराकर सूचित करें। 8 फरवरी 2014 को यह राशि जमा करवा दी गई। अब इसी मामले में विजीलेंस ने रेनू रानी, परविदर सिंह और दमनप्रीत सिंह पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

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रजिस्ट्री रिलीज कराने के लिए 5 साल पहले किया था आवेदन

विजीलेंस की एफआईआर पर गौर करें तो 25 फरवरी 2014 को दमनप्रीत ने डीसी को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 8 फरवरी 2014 को चालान नंबर 11 के तहत 55 हजार रुपये की राशि जमा करवा दी थी। रजिस्ट्री नंबर 1387/1 रिलीज की जाए। 5 मार्च 2018 को खरीददार रेनू को रजिस्ट्री रिलीज कर दी गई थी। यह राशि बैंक में तैनात रामधीरज द्वारा जमा करवाई बताई गई थी,जबकि विजीलेंस ने जांच में पाया कि बैंक से इस बारे ऑनलाइन स्टेटस चैक करने के बारे कुछ दर्शाया नहीं गया और तहसील में भी राशि पेंडिग दिखाई जा रही है।

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इस मामले में जुर्माना पहले ही भर दिया गया है, जिसकी मेरे पास प्रतिलिपियां हैं। आरटीआई के तहत भी दस्तावेज लिए जा चुके हैं। यह मामला राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज कराया गया है। भाजपा के के इशारे पर यह सब हो रहा है। एक ही मामले में दो बार सजा कैसे हो सकती है, जबकि जुर्माना भरा जा चुका है।

- ओंकार सिंह, इनेलो नेता


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