रामबाग प्राइमरी स्कूल में 69 बच्चों पर महज दो शिक्षक, मुख्यध्यापक के कमरे में हो रहा तिरंगे का अपमान
राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामबाग रोड छावनी। बृहस्पतिवार समय 12 बजकर 26 मिनट। स्कूल परिसर के अंदर जगह-जगह गंदगी व एक किनारे खुले में ही कूड़े का ढेर लगा हुआ था।
अंशु शर्मा, अंबाला
राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामबाग रोड छावनी। बृहस्पतिवार समय 12 बजकर 26 मिनट। स्कूल परिसर के अंदर जगह-जगह गंदगी व एक किनारे खुले में ही कूड़े का ढेर लगा हुआ था। आधी छुट्टी के समय नन्हे-मुन्ने बच्चे स्कूल परिसर में खेल रहे थे। पांच मिनट के बाद एक महिला शिक्षक कमरे से निकली तो पता चला कि स्कूल में केवल एक ही शिक्षक मौजूद है और दूसरे शिक्षक जो है वो बाहर स्कूल के काम से गए हैं। पूछने पर शिक्षक मन्नू ने बताया कि 69 बच्चों वाले स्कूल में केवल दो की शिक्षक हैं जिसमें वह खुद डेपुटेशन पर हैं तो दूसरे शिक्षक ही इंचार्ज की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। यह नजारा दैनिक जागरण की टीम को स्कूल में पहुंचकर दिखाई दिया। टीम मुख्यध्यापक यानी ऑफिस रूम में पहुंची तो कमरे में पड़ी कुर्सियों से लेकर टेबल धूल फांक रहे थे। मुख्य टेबल के ऊपर ही गंदा कपड़ा, पुराने रजिस्टर पड़े थे। देश की शान तिरंगे को जिस तरह से आदर और सम्मान के साथ रखा जाना चाहिए, वैसा नजर नहीं आया। इसको लेकर स्कूल ही नहीं निरीक्षण करने आने वाले आला अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
कर्म की पूजा है..की तख्ती फर्श पर फांक रही धूल
झंडे का अपमान ही नहीं कमरे के अंदर मानों साफ-सफाई को लंबा समय बीत गया हो। मुख्य कमरे को सुबह केवल खोलने व बंद करने तक ही सीमित रखा हो। यहीं नहीं बच्चों को कर्म, फल आदि का ज्ञान देने के लिए पहुंची तख्ती जिस पर कर्म की पूजा है..लाइनें लिखी हुई थी। वो भी फर्श पर कबाड़ के ढेर के अंदर धूल फांक रहा था। कमरे में ही दीवार की बंद से पीपल के पेड़ की जड़े आने के कारण दरारें तक आई हुई थी। दस मिनट के बाद जब शिक्षक संजय वर्मा मौके पर पहुंचे तो उन्होंने स्टाफ की कमी की बात कहीं और तिरंगे को समेट कर साफ करना शुरू कर दिया।
एक कमरे में लग रही दो-दो कक्षाएं
पांच कक्षाओं पर दो शिक्षक होने के कारण एक ही कमरे में दो-दो कक्षाओं को पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के ओर से दोनों में किसी एक शिक्षक की कहीं डयूटी लगा दी जाए तो बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। बिल्डिग की खस्ता हालत व मुख्य कमरे के दरवाजे में लगी दीमक के बारे में संजय से पूछा तो उन्होंने बताया कि बजट जारी ना होने के बावजूद वह अपने स्तर पर शिक्षक व खुद से पैसे जमा कर दरवाजों की मरम्मत तक करवा चुके हैं। कई बार चौकीदार न होने के कारण चोर चोरी की वारदात को अंजाम देकर बर्तन तक उठा चुके हैं।
वर्जन
तिरंगे के अपमान का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। स्टाफ की कमी को लेकर कई बार शिक्षकों ने आलाधिकारियों को भेजा जा चुका है। मुख्यध्यापक की पोस्ट एक साल से खाली पड़ी हुई है। अगर कोई अव्यवस्था है तो उसमें सुधार किया जाएगा।
:रमेश बत्तरा, कलस्टर इंचार्ज, ब्लॉक टू अंबाला छावनी
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