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गेहूं की सरकारी खरीद बंद, पिछले साल के मुकाबले 20 हजार क्विंटल अधिक हुई आवक

गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो गई। कस्बा की अनाज मंडी में पिछले साल 297696 क्विंटल और इस साल 315940 क्विंटल गेहूं आया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:20 AM (IST)
गेहूं की सरकारी खरीद बंद, पिछले साल के मुकाबले 20 हजार क्विंटल अधिक हुई आवक
गेहूं की सरकारी खरीद बंद, पिछले साल के मुकाबले 20 हजार क्विंटल अधिक हुई आवक

सुभाष चावला, बराड़ा

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गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो गई। कस्बा की अनाज मंडी में पिछले साल 297696 क्विंटल और इस साल 315940 क्विंटल गेहूं आया। अधीनस्थ खरीद केन्द्र उगाला में 34911 क्विंटल, सरदाहेड़ी में 64003 क्विंटल की तुलना में इस वर्ष गेहूं की आवक क्रमश: 32692 तथा 68040 क्विंटल रही। जिससे इस वर्ष 20 हजार क्विंटल गेहूं अधिक मंड़ियों में पहुंचा। मुख्य अनाज मंडी व इसके अधीनस्थ खरीद केन्द्रों पर समस्त गेहूं की खरीद हैफेड एजेंसी द्वारा 12 प्रतिशत नमी की मात्रा तक 1840 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया। सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू होने की घोषणा के बावजूद सर्दी का मौसम लम्बा खिचने व अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ई-ट्रेडिग को लेकर आढ़ती संघ की हड़ताल के चलते गेहूं की खरीद 13 अप्रैल से शुरू हुई थी। गेहूं की फसल के लिए मौसम की अनुकूल परिस्थितियों व झाड़ अधिक मिलने से किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त हुआ, वहीं दूसरी ओर आवक अधिक रहने से कृषि विपणन बोर्ड ने इस वर्ष 8 लाख रूपये राजस्व कमाने का दावा किया है।

भुगतान, उठान, बारदाने की समस्या से आढ़ती, किसान व मजदूर रहे परेशान

चालू रबी मौसम में जहां बेमौसमी व थोड़े-थोड़े अंतराल पर हुई बारिश से फसल पकने, कटाई, गहाई, उत्पादन व गुणवत्ता प्रभावित होने से किसानों को दिक्कत का सामना करना पड़ा, वहीं सरकार द्वारा फसल मौसम से पूर्व सड़क, प्रकाश, पेयजल व शौचालय आदि आधारभूत संरचना का प्रबंध तथा 72 घंटे में फसल के मूल्य का भुगतान व उठान सम्बंधी दावे विफल साबित होने से आढ़ती, किसानों व मजदूरों को समस्या से जूझना पड़ा। इस बीच गेहूं के पीक सीजन में बारदाने की कमी से समस्या और भी विकट हो गई, जिससे किसानों को उधारी चुकाने, नई फसल की तैयारी व दैनिक जीवन के कामकाज निपटाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

वर्जन

चालू रबी मौसम में आढ़ती व किसानों को भुगतान, उठान व बारदाने की भारी समस्या से जूझना पड़ा है। सरकारी खरीद के इतिहास में इस बार अभूतपूर्व संकट के चलते 72 घंटे में भगुतान व उठान का दावा पूर्ण रूप से असफल रहा। यह सरकार के त्रुटिपूर्ण प्रबंधन का नतीजा था। उम्मीद है कि भविष्य में सरकार समय रहते उचित कदम उठाकर आढ़ती व किसानों को ऐसी समस्या से निजात दिलायेगी।

- कंवरजीत सिंह विर्क, प्रधान आढ़ती संघ बराड़ा

वर्जन

गेहूं के सीजन में किसानों की सुविधाओं के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे। ई-ट्रेडिग व डिजिटलाइजेशन व्यवस्था के चलते भुगतान में थोड़ा विलम्ब हुआ परंतु शीघ्र ही स्थिति पर नियंत्रण कर समस्या के समाधान के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाए गए।

- दयाला राम सचिव, मार्केट कमेटी बराड़ा


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