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शारीरिक मूल्यांकन कैंप तक वाहनों में ठूंस कर लाए गए दिव्यांग

जिला नागरिक अस्पताल स्थित प्रशिक्षण केंद्र में दिव्यांग बचों के लिए लगाए सात दिवसीय शारीरिक मूल्यांकन के पहले ही दिन आयोजकों की खामियां नजर आई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:20 AM (IST)
शारीरिक मूल्यांकन कैंप तक वाहनों में ठूंस कर लाए गए दिव्यांग
शारीरिक मूल्यांकन कैंप तक वाहनों में ठूंस कर लाए गए दिव्यांग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिला नागरिक अस्पताल स्थित प्रशिक्षण केंद्र में दिव्यांग बच्चों के लिए लगाए सात दिवसीय शारीरिक मूल्यांकन के पहले ही दिन आयोजकों की खामियां नजर आई। सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगाए गए इस कैंप तक जो वाहन इस्तेमाल किए गए उनमें बच्चों को ठूंस कर लाया गया। गर्मी के इस मौसम में बच्चों को कैंप लेकर पहुंची महिद्रा मैक्स में दिव्यांग बच्चों व उनके अभिभावकों, स्कूल प्रतिनिधि समेत संख्या 23 तक थी। जबकि एक अन्य क्रूजर गाड़ी में लगभग 18 बच्चों एवं बड़ों को लाया गया था। महत्वपूर्ण यह है कि इस कैंप में पहले दिन 73 ही बच्चे पहुंचे थे जबकि यहां मौजूद डीपीसी कार्यालय के कर्मचारी के मुताबिक इन बच्चों के लिए 10 वाहनों का प्रबंध किया गया था। बच्चों को वाहनों में जिस तरीके से ठूंसे जाने की जो वीडियो वायरल हुई है उससे देखकर कहीं भी यह नहीं लग रहा कि 10 वाहनों का प्रबंध किया गया था। अब यह जांच का विषय है कि वाकई 10 वाहनों का प्रबंध किया गया था या फिर अधिकारियों को झांसे में रखा गया है। अगर सभी वाहन लगाए भी गए तो फिर बच्चों को आरामदायक स्थिति में नहीं ला पाने के लिए कौन जिम्मेदार है?

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बता दें कि इस कैंप में दिव्यांग बच्चों के शारीरिक मूल्यांकन के बाद उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाने हैं। जिसके लिए एक एक ब्लॉक से विभिन्न स्कूलों के दिव्यांग बच्चे कैंप में लाए जाने हैं। पहले दिन साहा ब्लॉक से बच्चे व उनके अभिभावकों को लाया गया जबकि दूसरे दिन नारायणगढ़ ब्लॉक से बच्चे लाए जाएंगे। इन बच्चों की यातायात व्यवस्था के तहत विभाग ने प्रति वाहन 1500 रुपये तक दिए हैं। इन बच्चों के लिए रूट प्लान तैयार कर स्कूलों से लेकर कैंप तक लेकर आना है। हालांकि, जिस प्रकार से पहले ही दिन हीलाहवाली नजर आई उससे जाहिर है कि बच्चे व उनके अभिभावक बेहद परेशान रहे। यह हालात हादसे को भी अंजाम देने के लिए काफी थी। हालांकि, अभिभावक इस मामले में चुप्पी साधे हैं, जो अपने बच्चे का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के चलते किसी विवाद में पड़ने से बचते रहे।

पहले दिन 73 बच्चों की जांच हुई

इस कैंप का उद्घाटन जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा व सिविल सर्जन डॉ. संत लाल वर्मा ने किया। इस कैंप में नेत्र रोग, नाक कान गला व मानसिक रोग विशेषज्ञों ने बच्चों का शारीरिक मूल्यांकन किया। इस कैंप में मानसिक रोग संबंधित 38, ऑर्थो दिव्यांगता 17, सुनने संबंधित 6 व दृष्टि बाधिता संबधित 11 बच्चे पहुंचे। जिन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए गए। रेडक्रॉस के माध्यम से जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने के लिए भी मूल्यांकन हुआ। इस मौके राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी भी मौजूद रहे।

वह इस मामले को चेक कराएंगी ताकि बच्चों को परेशानी न

इस मामले में डीपीसी सुशीला ढिल्लो ने बताया कि इस मामले में वह संबंधित कर्मियों से बात करेंगी कि पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था होने के बावजूद ऐसी अव्यवस्था क्यों है। जिससे कि आगे दूसरे ब्लॉक से आने वाले बच्चों को परेशानी न हो। किस ब्लॉक को कितने वाहन जारी हुए हैं उसकी जानकारी उनके कार्यालय के पास है।


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