हाउसिग बोर्ड में बनाई दुकानों से पहले ग्रीन बेल्ट की फेंसिग का काम पड़ा ठंडा
राजीव गांधी खेल स्टेडियम की दिशा से सेक्टर-9 के साथ साथ हाउसिग बोर्ड तक जो ग्रीन बेल्ट बनाई जा रही थी उसका काम ठंडा पड़ गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :
राजीव गांधी खेल स्टेडियम की दिशा से सेक्टर-9 के साथ साथ हाउसिग बोर्ड तक जो ग्रीन बेल्ट बनाई जा रही थी उसका काम ठंडा पड़ गया है। पिछले दिनों यहां जोर शोर से ग्रीन बेल्ट की फेंसिग एवं जोगिग एरिया तैयार करने का काम चल रहा था लेकिन अब यह हाउसिग बोर्ड की दुकानों से पहले बंद हुआ देखा जा सकता है। इसके साथ ही सेक्टर-9 में कामर्शियल बूथ लेने वाले उन लोगों की उम्मीद पर भी ग्रहण लग गया है जो हाउसिग बोर्ड पर शिकजा कसने की उम्मीद लगाए थे। जिन्हें उम्मीद थी कि ग्रीन बेल्ट की फेंसिग से उनके काम काम में इजाफा होगा। हालांकि, प्रशासन ने एक तो इस दिशा में काम सबसे बाद में शुरू किया और अब बीच में बंद करने से निराशा है। महत्वपूर्ण है कि सेक्टर- 9 रेजीडेंट इस ग्रीन बेल्ट के कामर्शियल उपयोग को लेकर अपना एतराज भी जाहिर कर चुके हैं। जानकारी मुताबिक हुडा सेक्टरों की ग्रीन बेल्ट की फेंसिग के कार्य के तहत काफी हिस्से में काम पूरा कर लिय गया है। अभी मानव चौक से सेक्टर-8 हाउसिग बोर्ड की दिशा में काम चल रहा है। जबकि राजीव गांधी स्टेडियम चौक से सेक्टर-9 के साथ इससे पहले काम शुरू हुआ था। यहां जोगिग के लिए ट्रैक तो तैयार कर लिया गया लेकिन बाद में काम बंद कर दिया गया।
फेंसिग के बाद हुडा की कॉमर्शियल मार्केट को होगा फायदा
सेक्टर-9 व 10 में अभी जो कामर्शियल मार्केट हैं उनमें से ज्यादातर में दुकानें खाली पड़ी हुई हैं। सेक्टर-10 में तो मार्केट विकसित ही नहीं हो पाईं। इसकी एक वजह यह भी रही कि कामकाज के हुडा में करोड़ों के शोरूम खरीदने के बजाय लोगों को हाउसिग बोर्ड में दुकानें कहीं सस्ती उपलब्ध थी। अब जब हाउसिग बोर्ड की ग्रीन बेल्ट की तरफ चल रही दुकानों के कामकाज पर असर पड़ेगा तो हुडा की मार्केट को भी फायदा होना तय है। स्थानीय सेक्टर एसोसिएशन के प्रधान प्रद्युमन सचदेवा के मुताबिक ग्रीन बेल्ट का इस्तेमाल हरियाली के लिए ही होना चाहिए यहां अवैध तौर पर कामर्शियल गतिविधियां चलाना ठीक नहीं है।
हाउसिग बोर्ड के दुकानदारों को भी सरकार से राहत की उम्मीद
हाउसिग बोर्ड में रिहायशी इलाकों का कामर्शियल उपयोग कर रहे लोग भी सरकार की उस घोषणा के तहत राहत की उम्मीद में हैं जिसके तहत कॉमर्शियल के हिसाब से पैसा चुका कर वह अपने स्थानों पर बने रह सकते हैं। जानकारी के मुताबिक दुकानदार इस मामले में हुडा प्रशासन के अधिकारियों से भी मिले थे लेकिन नोटिफिकेशन नहीं होने से मामला खटाई में है।