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आयुक्त के आदेश बेअसर, रजिस्ट्रेशन तो दूर बिन बीमा दौड़ रहे निगम के वाहन

नगर निगम में आयुक्त के आदेश में अब निगम में मायने नहीं रखते। यही कारण है कि सरेआम आयुक्त के आदेशों की धज्जि्यां उड़ रही हैं और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 10:00 AM (IST)
आयुक्त के आदेश बेअसर, रजिस्ट्रेशन तो दूर बिन बीमा दौड़ रहे निगम के वाहन
आयुक्त के आदेश बेअसर, रजिस्ट्रेशन तो दूर बिन बीमा दौड़ रहे निगम के वाहन

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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नगर निगम में आयुक्त के आदेश में अब निगम में मायने नहीं रखते। यही कारण है कि सरेआम आयुक्त के आदेशों की धज्जि्यां उड़ रही हैं और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इसीलिए रजिस्ट्रेशन और पासिग तो दूर नगर निगम के वाहनों का बीमा भी नहीं हो सका। बिन बीमा के ही इन वाहनों को सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। एक दो महीने से नहीं बल्कि करीब छह माह से नगर निगम के 5 रिफ्यू कलेक्टर और दो जेसीबी का बीमा भी खत्म हो चुका है। इसके बावजूद अधिकारियों की शह पर नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।

दरअसल नगर निगम के सहायक सेनेटरी इंस्पेक्टर फूल कुमार ने इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए करीब छह माह पहले एक लाख रुपये एडवांस निकलवाए थे। 5 माह तक यह मामला यूं ही दबा रहा। लेकिन इसके बाद दैनिक जागरण ने इस मामले से पर्दा उठाया और निगम आयुक्त से सीधे सवाल किए तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में मामला आ चुका है और सोमवार तक संभवत: सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा दिया जाएगा। लेकिन बृहस्पतिवार तक भी किसी भी वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। बता दें कि इन नए वाहनों को अगस्त 2017 में खरीदा गया था। लेकिन आज तक रजिस्ट्रेशन और पासिग नहीं हो सकी। निगम आयुक्त ने दावा किया था कि उन्हें फूल कुमार का आदेश भी दे दिए हैं। लेकिन इन आदेशों का भी उनपर कोई असर नजर नहीं आया।

कर्मचारियों का दावा करवा दिया गया है बीमा

हालांकि निगम के कर्मचारियों ने दावा किया है कि इन नए वाहनों का दूसरे साल भी बीमा करवा दिया गया है। लेकिन पॉलिसी के तहत ऐसा नहीं हो सकता। क्योंकि दूसरे साल बीमा करवाने के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर होना अनिवार्य है जोकि इन वाहनों का नहीं है। ऐसे में सहायक सेनेटरी इंस्पेक्टर ने यहां भी अधिकारियों को गुमराह कर लिया।

ट्रैफिक पुलिस ने भी आज तक नहीं काटे चालान

जिला ट्रैफिक पुलिस ने भी आज तक इन वाहनों के कोई चालान नहीं काटे। जबकि रोजाना यह वाहन ट्रैफिक पुलिस के आगे से ही निकलते हैं। मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि इन वाहनों का चालान करने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की बनती है।

वर्जन

मैंने फूल कुमार से बीमा के बारे में पूछा था। मुझे तो उसने यह बताया था कि बीमा करवा दिया गया है। हां डॉक्यूमेंट तो उसने अभी तक नहीं दिखाए। रजिस्ट्रेशन के लिए उसे आदेश दे दिए गए थे। अब क्यों नहीं करवा रहा यह तो वही बता सकता है।

-साधू राम नैन, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर नगर निगम।

वर्जन

हमारी तो यह जिम्मेदारी है ही साथ ही साथ नगर निगम और आरटीए विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है। बिना बीमा और रजिस्ट्रेशन के यदि वाहन चल रहे हैं तो उनपर नियमानुसार कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी।

चंद्रप्रकाश, ट्रैफिक इंस्पेक्टर।

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