देशभर में अंबाला की चार बेटियां अव्वल, टॉपर सूची में जिले का लाडला भी शामिल
एक बार फिर बेटियों ने इतिहास रच दिया। अंबाला की चार बेटियों के साथ एक लाडला भी सीबीएसई की 10वीं कक्षा के परिणाम के टॉपर में शामिल हो गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एक बार फिर बेटियों ने इतिहास रच दिया। अंबाला की चार बेटियों के साथ एक लाडला भी सीबीएसई की 10वीं कक्षा के परिणाम के टॉपर में शामिल हो गया है। अंबाला की दिवजोत कौर जग्गी ने 500 में से 499 अंक लेकर देशभर में पहला स्थान पाया, जबकि प्रियंका, रोहन, ओजस्विनी और कारवी ने 498 अंक अर्जित कर देशभर में दूसरा स्थान पाया। अंबाला के इतिहास में आज तक ऐसा पहली बार हो रहा है जब सीबीईएसई और हरियाणा किसी भी बोर्ड से एक साथ एक कक्षा में देशभर के टॉपर की सूची में 5 विद्यार्थी शामिल हुए हों। दिवजोत कौर, ओजस्विनी और प्रियंका छावनी के कान्वेंट ऑफ जीसेस एंड मेरी स्कूल की छात्राएं हैं जबकि रमन एमएम इंटरनेशनल स्कूल सद्दोपुर में पढ़ रहा है। वहीं कारवी जैन पीकेआर जैन वाटिका स्कूल की छात्रा है।
दिवजोत बोलीं-अभी तक नहीं पता कर लिया है देशभर में टॉप
दैनिक जागरण संवाददाता ने जब दिवजोत से बात की तो वह नीट की कोचिग के लिए चंडीगढ़ में थी। दैनिक जागरण ने कोचिग सेंटर के डायरेक्टर के फोन से करीब साढ़े सात बजे दिवजोत से बात की तो उसने कहा कि उसे अभी तक नहीं पता कि उसने देशभर में टॉप कर लिया है। दैनिक जागरण के माध्यम से ही उसे यह जानकारी मिल रही है। हालांकि दिवजोत ने माना कि उसके पिता सविद्र सिंह ने उसे इस बात की जानकारी दे दी थी कि दोपहर तीन बजे परिणाम आ रहा है। उसके बाद पिता ने करीब चार बजे यह भी बताया कि उसने 499 अंक हासिल कर लिए हैं लेकिन यह उन्हें भी नहीं पता कि उसने ऑल इंडिया में टॉप किया है। दिवजोत के पिता कैटरिग का बिजनेस करते हैं जबकि मां हाउस वाइफ हैं। दिवजोत बास्केटबॉल, बेडमिटन और क्रिकेट के अलावा हैंडबॉल में भी रूचि रखती हैं। वह रोजाना रात को ही 9 बजे के बाद घर पहुंचती हैं।
सोशल मीडिया का मां के अकाउंट से स्टडी के लिए किया इस्तेमाल
दिवजोत ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि वह अकसर अपने मां के अकाउंट से सोशल मीडिया को केवल स्टडी के लिए कुछ देर प्रयोग करती थी। इसके अलावा न तो उसका कोई वाट्सएप अकाउंट है न ही फेसबुक। दिवजोत ने कहा कि वह डाक्टर बनना चाहती है। एमबीबीएस के बाद वह आईएसएस बनना चाहती है। दैनिक जागरण ने विशेष बातचीत में दिवजोत ने कहा कि उसने कभी यह नोट ही नहीं किया कि दिन में कितने घंटे पढ़ाई की।
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