थाने-चौकियों में नहीं होती सुनवाई तो एसपी आफिस में लगानी पड़ती है फरियाद
राजीव ऋषि, अंबाला शहर थाने चौकियों में सुनवाई नहीं होती तब एसपी आफिथाने चौकियों में सुनवाई नहीं होती तब एसपी आफिस में फरियाद लगानी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि यहां पर न्याय मिले लेकिन दिल में यकीन है कि और कुछ न सही, थोड़ा बहुत प्रभाव तो पड़ेगा ही। किसी कार्रवाई के डर से शायद पुलिस कर्मचारी उनकी सुन लें। एसपी आफिस में शिकायत देने वाले की यह निजी राय है। यहां पर केवल पैसे तथा राजनीतिक प्रभाव वालों का हस्ताक्षेप बहुत है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। सोमवार को दोपहर 11 बजे से 12 बजे के मध्य दैनिक जागरण संवाददाता ने एसपी कार्यालय में शिकायत देने आने वालों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी। हालांकि कष्ट निवारण समिति की बैठक में जाने के कारण एसपी अशोक कुमार केवल नाममात्र लोगों से ही मिल सके।
राजीव ऋषि, अंबाला शहर
थाने चौकियों में सुनवाई नहीं होती तब एसपी आफिस में फरियाद लगानी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि यहां पर न्याय मिले लेकिन दिल में यकीन है कि और कुछ न सही, थोड़ा बहुत प्रभाव तो पड़ेगा ही। किसी कार्रवाई के डर से शायद पुलिस कर्मचारी उनकी सुन लें। एसपी आफिस में शिकायत देने वाले की यह निजी राय है। यहां पर केवल पैसे तथा राजनीतिक प्रभाव वालों का हस्ताक्षेप बहुत है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। सोमवार को दोपहर 11 बजे से 12 बजे के मध्य दैनिक जागरण संवाददाता ने एसपी कार्यालय में शिकायत देने आने वालों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी। हालांकि कष्ट निवारण समिति की बैठक में जाने के कारण एसपी अशोक कुमार केवल नाममात्र लोगों से ही मिल सके।
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दहेज उत्पीड़न से परेशान बहन की हो चुकी मौत
- 10 जून 2016 को बहन की शादी की थी। दहेज से तंग हो 2017 में उसने दम तोड़ दिया। जब वह ¨जदा थी तब वूमैन सेल में शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ससुराल वालों पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा बनती है। मानवाधिकार आयोग में शिकायत पर मिलने आए हैं लेकिन न्याय की उम्मीद नहीं।
- संदीप जटवाल, माल रोड, छावनी
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गुल्लक कांड में साल बाद केस दर्ज नहीं
- एसए जैन विजय वल्लभ स्कूल में गुल्लक फंड घोटाले की जिला व पुलिस प्रशासन को जानकारी है। स्कूल के बाहर, डीसी कार्यालय व डीइओ कार्यालय के बाद प्रदर्शन भी किए। कोतवाली थाने में शिकायत की थी। एक साल बीतने को हैं आज तक एफआइआर तक दर्ज नहीं हुई। पहले भी एसपी को मिलकर जा चुके हैं, अब दोबारा आए हैं। उम्मीद है शायद न्याय मिल ही जाए।
- गीता सैनी व अनुराधा, अध्यापिकाएं
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- महिला थाने में एक माह पूर्व रविदास माजरी के जगदीश के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। थानों में चक्कर लगाने के बाद भी जब उनकी नहीं सुनी गई तब पुलिस अधीक्षक से मिलने आई हैं। कष्ट निवारण समिति की बैठक में व्यस्त होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। अब दोबारा इंतजार करना पड़ेगा।
- रेखा सरोय, बीजेपी नेता और पीड़िता की हमदर्द
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- सुप्रीम कोर्ट से जीतने पर भी रात को बंद नहीं हुए डीजे
- रात 10 बजे से सुबह तक डीजे बैन है। बिना प्रशासनिक अनुमति के ऐसा कोई समारोह आयोजित नहीं किया जा सकता जिससे नागरिकों की शांति में खलल पड़े। सुप्रीम कोर्ट से केस जीत चुका हूं। इन निर्णयों का हवाला देकर नजदीकी थाने-चौकियों के अलावा कंट्रोलरूम में फोन किए लेकिन कोई नहीं आता।
- सतीश बहादुर, निवासी जंडली
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केवल पैसे और राजनीतिक प्रभाव वालों की सुनवाई
- 2015 में बेटी की शादी एक वकील से की थी। दहेज उत्पीड़न के कारण पंचायतों में समझौता न होने पर बिटिया मायके लौट आई। पंजोखरा थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने सास-ससुर को केस से निकाल दिया जबकि पति कोर्ट से जमानत पर है। पटवी चौकी, पंजोखरा थाना, डीएसपी, एसपी सभी से मिल चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा।
- सखीचंद, खानपुर ब्रह्मणा