वैज्ञानिकों ने की अंगों की मरम्मत करने वाले अणु की खोज
शोध का नेतृत्व शियामेन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर झाऊ दवांग और देंग शियानमिंग तथा पेकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर युन काईहोंग ने की।
भविष्य में कुछ अंगों का इम्प्लांट नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसे मॉलिक्यूल की खोज की है, जो टिश्यूज को दोबारा पैदा कर सकता है। शोध का नेतृत्व शियामेन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर झाऊ दवांग और देंग शियानमिंग तथा पेकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर युन काईहोंग ने की।
शोध का निष्कर्ष 'साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन' के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित हुआ है। झाऊ ने कहा कि शोधकर्ताओं ने एक औषधि एक्सएमयू-एमपी-1 की खोज की है, जो लिवर, आंत व त्वचा में मरम्मत व पुनर्जनन की प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रक्रिया से अंगों के प्रत्यारोपण या कोशिकीय चिकित्सा की जरूरत में कमी आएगी।
झाऊ व उनके साथी शोधार्थियों ने हिप्पो पाथवे में संकेत प्रदान करने वाले एक अणु पर ध्यान केंद्रित किया, जो अंगों के आकार को नियंत्रित करता है। एक्सएमयू-एमपी-1 ने एमएसटी1/2 की सक्रियता को रोकने में अपनी भूमिका साबित की है और चोट खाए चार विभिन्न चूहों के मॉडलों में कोशिका वृद्धि को बढ़ावा दिया। झाऊ ने कहा कि उन्होंने इस प्रक्रिया को एक मरीज पर आजमाया है और इस औषधि के निर्माण के लिए औषधि कंपनियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।