क्या दूसरे यूनिवर्स से प्रभावित होता है हमारा यूनिवर्स?
दोस्तो, आप अक्सर साइंस फिक्शन में किसी दूसरे यूनिवर्स की कहानी सुनते-देखते रहते हैं। लेकिन अब क्वांटम मैकेनिक्स की एक क्रांतिकारी नई थ्योरी के मुताबिक वास्तव में ऐसे कई दूसरे यूनिवर्स हैं, जो हमारे यूनिवर्स पर कुछ न कुछ असर डाल रहे हैं।
दोस्तो, आप अक्सर साइंस फिक्शन में किसी दूसरे यूनिवर्स की कहानी सुनते-देखते रहते हैं। लेकिन अब क्वांटम मैकेनिक्स की एक क्रांतिकारी नई थ्योरी के मुताबिक वास्तव में ऐसे कई दूसरे यूनिवर्स हैं, जो हमारे यूनिवर्स पर कुछ न कुछ असर डाल रहे हैं। साइंस जर्नल 'फिजिकल रिव्यू एक्स' में हाल में यह थ्योरी पब्लिश हुई है। इस थ्योरी पर काम करने वाले साइंटिस्ट का कहना है कि दूसरे यूनिवर्स हमारे यूनिवर्स पर एक हल्का रिपल्सिव फोर्स लगा रहे हैं और इस फोर्स की वजह से ही क्वांटम फील्ड इतना ज्यादा विचित्र हो गया है।
इस सिद्धांत से क्वांटम मैकेनिक्स के 'मेनी वल्र्ड एंटरप्रिटेशन' में नया मोड़ आ गया है, जो 1950 के दशक से ही चल रहा है। ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के फिजिसिस्ट, प्रोफेसर और इस नई थ्योरी 'मेनी इंटरैक्टिंग वल्र्ड' के क्रिएटर्स में से एक हॉवर्ड वाइजमैन के अनुसार, कई साधारण पैरेलल वल्र्ड हैं जो एक दूसरे-से इंटरैक्शन करते हैं। कई यूनिवर्स की पुरानी व्याख्या के अनुसार हर बार जब क्वांटम मेजरमेंट होता है तो प्रत्येक यूनिवर्स कई यूनिवर्स के गुच्छे में बदल जाता है।
लेकिन आलोचक इस तरह के दूसरे यूनिवर्स के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे, क्योंकि हमारे यूनिवर्स पर उनका कोई असर नहीं देखा गया था। 'मेनी इंटरैक्टिव वल्र्ड' थ्योरी पूरी तरह से अलग है। इस थ्योरी के आने से मॉलीक्यूलर डायनॉमिक्स फील्ड पर काफी असर पड़ेगा, जो कि केमिकल रिएक्शंस को समझने के लिए महत्वपूर्ण होता है।