Gujarat: गीर में बनेगा वन्यजीव रोग निदान अनुसंधान और रेफरल केंद्र
Gujarat केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि गुजरात सरकार तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान से परामर्श के बाद शेर परियोजना के लिए तैयार एक दस्तावेज के तहत गीर राष्ट्रीय पार्क व अभयारण्य में राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान अनुसंधान और रेफरल केंद्र बनाया जाएगा।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: केंद्र सरकार गुजरात के सासण गीर जंगल में एशियाई शेरों के संरक्षण तथा उनके रोगों के निदान के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान अनुसंधान और रेफरल केंद्र विकसित करेगी। राज्यसभा में वन व पर्यावरण मंत्री बाबूल सुप्रियो ने सांसद परिमल नथवाणी के प्रश्न के जवाब में यह बात कही। केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्यसभा सदस्य परिमल नथवाणी के सवाल के जवाब में कहा कि गुजरात सरकार तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान से परामर्श के बाद शेर परियोजना के लिए तैयार एक दस्तावेज के तहत गीर राष्ट्रीय पार्क व अभयारण्य में राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान अनुसंधान और रेफरल केंद्र बनाया जाएगा।
शेर परियोजना के तहत एशियाई शेरों का वैज्ञानिक ढंग से संरक्षण व प्रबंधन सुरक्षित करने के इस केंद्र का निर्माण किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ी संख्या में उनकी मौजूदगी बनाए रखने तथा विलुप्त होने से बचाया जा सके। नथवाणी ने बीमार व जख्मी शेरों के उपचार तथा आपातकाल में शेरों में पाई जाने वाली कैनाइन डिस्टेंपर जैसी संक्रमण की बीमारी से निपटने के उपायों के बारे में भी पूछा, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीमार व घायल शेरों के उपचार के लिए दो अस्पताल व सात बचाव केंद्र गीर में सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं।
गौरतलब है कि गुजरात के जूनागढ, गीर सोमनाथ व अमरेली जिले से सटे करीब 1412 वर्ग किलोमीटर में फैला गीर जंगल एशियाई शेरों का एक मात्रठिकाना है। शेरों के संरक्षण का कार्य 1900 से ही शुरू किया गया, फिर भी शिकार के चलते 1913 में इस जंगल में महज 20 एशियाई शेर बचे थी। शिकार के चलते 1913 में इस जंगल में महज 20 एशियाई शेर बचे थी। वर्तमान में गीर जंगल में 523 शेर हैं, इनमें 201 मादा व 218 शावक हैं।
गीर जंगल में गैरकानूनी लायन शो में छह को सजा
इंटरनेट मीडिया में मई 2018 में शेरनी को मुर्गी दिखाते हुए उसको बार-बार ललचाने का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। गीर गढडा कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद सोमवार को इसके मुख्य आरोपित इलियास अबद्रेमान उसके एक साथी तथा पांच पर्यटकों को सजा व जुर्माना की सजा दी। जबकि एक आरोपित को बरी कर दिया। आरोपितों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 की धारा 16बी, 9,29,39,51 तथा 52 के तहत केस दर्ज किया गया था। गीर गढडा कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टेट सुनील दवे ने छह लोगों को तीन-तीन साल की सख्त कैद व जुर्माना की सजा देने के साथ मुख्य आरोपित इलियास अबद्रेमान को सेटलमेंट के तहत सासण गीर जंगल में मिली जमीन को जप्त करनेका सरकार को निर्देश दिया है।