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Gujarat: महिला कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के मामले में सीएम विजय रूपाणी ने मांगी रिपोर्ट

Gujarat गुजरात के सरकारी अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने सुपरवाइजर की अनैतिक मांग ठुकराने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। गुजरात सरकार ने जिला प्रशासन व पुलिस को तीन दिन में इसकी जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:20 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 10:04 PM (IST)
Gujarat: महिला कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के मामले में सीएम विजय रूपाणी ने मांगी रिपोर्ट
महिला कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के मामले में सीएम विजय रूपाणी ने मांगी रिपोर्ट। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में जामनगर के सरकारी अस्पताल में महिला कर्मचारियों से अनैतिक मांग का मुद्दा गांधीनगर तक पहुंच गया है। मंत्रिमंडल की बैठक में इस घटना पर चर्चा हुई तथा जांच के लिए आला अधिकारियों व स्थानीय समिति को कहा गया है। गुजरात के सरकारी अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने सुपरवाइजर की अनैतिक मांग ठुकराने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। गुजरात सरकार ने जिला प्रशासन व पुलिस को तीन दिन में इसकी जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंत्रिमंडल के सदस्यों से इस घटना के बारे में चर्चा की तथा जिला कलेक्टर पुलिस उपाधीक्षक स्वास्थ्य आयुक्त को इस मामले की गहराई से छानबीन कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं, गुजरात महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अकोलिया ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। आयोग की सदस्य जल्द ही इस घटना की जानकारी लेंगी।

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गौरतलब है कि जामनगर की सरकारी कोविड-19 गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में ठेके पर काम कर रही कुछ महिला कर्मचारियों से उनको नौकरी देने वाले सुपरवाइजर ने वार्ड बॉय के जरिए अनैतिक मांग की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। नौकरी से निकाली गई महिला कर्मचारियों ने बताया कि सुपरवाइजर तथा ठेकेदार ने उनकी तीन महीने की पगार भी नहीं दी है। हॉस्पिटल में अटेंडेंट के पद पर काम करने वाली इन महिला कर्मचारियों का कहना है कि आउट सोर्स पर काम देने वाली एजेंसी के सुपरवाइजर उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं तथा वार्ड बॉय के जरिए उनके साथ दोस्ती करने के मैसेज भेजते हैं। उनकी बात नहीं मानने पर नौकरी से निकाल दिया जाता है या प्रताड़ित किया जाता है। कर्मचारियों के इन आरोपों को गुजरात सरकार ने गंभीरता से लिया है गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया है कि मुख्यमंत्री रूपाणी इस मामले की न्यायिक जांच कराना चाहते हैं। इसके लिए आला अधिकारियों को निर्देश देने के साथ स्थानीय स्तर पर भी एक समिति का गठन किया गया है, ताकि इस घटना की तह तक पहुंचा जा सके। जाडेजा ने कहा कि गुजरात में कहीं पर भी नौकरी कर रही बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है तथा इस तरह की कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

जामनगर जीजी कोविड अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के शोषण की घटना उजागर होने के बाद इसी अस्पताल के एक चिकित्सक ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि पिछले छह से आठ माह से यह सब चल रहा था। मुख्य आरोपित एलबी प्रजापति के खिलाफ अस्पताल प्रशासन को पहले शिकायत भी की गई थी, लेकिन राजनीतिक व पुलिस महकमे में संबंधों के चलते वह बचता रहा। उसके साथ पारस राठौड़, रवि डेर, नंदन तथा दिव्या कटारिया भी शामिल है। चिकित्सक का दावा है कि करीब 60 से 70 युवतियों का आरोपित शोषण कर चुके हैं। जामनगर पुलिस इस मामले के पांच आरोपितों को पकड़ कर स्थानीय अदालत में पेश कर चुकी है।


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