किन्नर ने शतायु पिता की अर्थी को दिया कांधा
एक किन्नर पूजा मौसी ने अपने शतायु पिता की अर्थी को कांधा दिया। पिता की शवयात्रा बेंड-बाजे के साथ पटाखे फोड़ते हुए बग्घी में धूमधाम से निकाली गई।
वडोदरा। गोधरा के पास स्थित धनोल गांव के एक किन्नर पूजा मौसी ने अपने शतायु पिता की अर्थी को कांधा दिया। पिता की शवयात्रा बेंड-बाजे के साथ पटाखे फोड़ते हुए बग्घी में धूमधाम से निकाली गई। किसी किन्नर द्वारा अपने पिता की अंत्येष्टि का आयोजन इस तरह करने का यह संभवत:पहला मामला है।
गोधरा से 10 कि.मी. दूर धनेली गांव में मेलडी माता का मंदिर है। यहीं रहते थे सामंत सिंह गोहिल। उनकी आयु करीब 100 वर्ष थी। अपने पीछे तीन पीढ़ियों का परिवार छोड़ गए हैं। उनका परिवार शोक मग्न है। उनका एक पुत्र किन्नर है। लोग उसे पूजा मौसी के नाम से जानते हैं। अपने पिता की अंत्येष्टि वह कुछ अनोखे तरीके से करना चाहता था, इसलिए उसने इसे एक उत्सव के रूप में मनाया।
शतायु पिता की मौत के बाद किन्नर पूजा मौसी ने निर्णय लिया कि पिता की अंत्येष्टि कुछ अनोखे तरीके से करना चाहिए। इसलिए उसने पिता की अर्थी को कांधा दिया ही, हांडी लेकर आगे चलने का कर्तव्य भी निभाया। शवयात्रा बग्घी में निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ पटाखे चलाते हुए शवयात्रा में काफी लोग शामिल हुए। शवयात्रा में पूजा मौसी के कई किन्नर साथी भी शामिल हुए। इस शवयात्रा की क्षेत्र में अच्छी-खासी चर्चा है।