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Gujarat: जीएसटी पोर्टल बंद रहने से व्यापारी परेशान, अधिकारियों को दिया ज्ञापन

GST. गुजरात के व्यापारी जीएसटी पोर्टल बंद रहने से परेशान हैं। उन्होंने विविध शहरों के जीएसटी कार्यालयों में ज्ञापन सौंपा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 02:47 PM (IST)
Gujarat: जीएसटी पोर्टल बंद रहने से व्यापारी परेशान, अधिकारियों को दिया ज्ञापन
Gujarat: जीएसटी पोर्टल बंद रहने से व्यापारी परेशान, अधिकारियों को दिया ज्ञापन

अहमदाबाद, जेएनएन। GST. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) रिटर्न फाइल करने का समय होते ही उसका पोर्टल काम करना बंद कर देता हैं। इसमें अनेक प्रकार की त्रुटियां आ जाती हैं। परिणामतः व्यापारियों को संमय से टैक्स भरने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ढाई वर्ष बीतने के बाद भी इस समस्या का अभी तक निराकरण नहीं हो पाया हैं। गुजरात के व्यापारियों ने विविध शहरों के जीएसटी कार्यालयों में इस आशय का ज्ञापन सौंपा है।

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विविध शहरों के व्यापारी संगठनों ने अपने शिकायत पत्र सहज्ञापन में कहा कि पोर्टल के बारे में अनेक शिकायतों के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। समस्या ज्यों की त्यों है। रिटर्न की अदायगी के समय इस समस्या से व्यापारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वे चाहते हुए भी समय से कर की अदायगी नहीं कर सकते। हर महीने का यही हाल है। रिटर्न की अदायगी का समय आने पर घंटों तक वेबसाइट नहीं चलती इससे रिटर्न अपलोड नहीं होता। व्यापारियों ने मांग की है कि जब तक पार्टल की खामियां खतम नहीं की जाती, तब तक प्रशासन विलम्वित शुल्क का नियम अमल न करें।

जीएसटी का कानून अमली होने के 31 महीना बाद जीएसटी एक्ट के प्रावधानों में परिवर्तन संबंधी 500 संशोधनों के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इन नियमों को समझने में भी समय लगता है। इसके कारण भी रिटर्न फाइल करने में विलंब हो जाता है। इस बारे में भी फार्मूला तैयार होना चाहिए। नियम में परिवर्तन कर उसे पश्चात असर से लागू किया जाता है। व्यापारियों ने मांग की है कि इस प्रकार की अदायगी द्वारा दी गई रकम वापस की जाए।

इस प्रकार विलंबित रिटर्न के नाम पर गत नौ महीने में व्यापारियों के पास से 1800 करोड़ रुपये से भी अधिक रकम वसूली गई है। केवल गुजरात के ही नहीं, अपितु पूरे देश के व्यापारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। व्यापारियों द्वारा दिए गए ज्ञापन में ट्रान्स-1 एवं ट्रांस-2 के लिए दिए गए समय में वृद्धि करने की मांग भी की गई है। इसमें 2017-18, 2018-18 के वार्षिक रिटर्न तथा कन्सीलिएशन स्टेटमेंट प्रस्तुत करने के समय बढ़ाने की मांग भी की गई हैं। व्यापारियों ने रिटर्न फार्मेट को सरल बनाने की मांग भी की है। इसे फाइल करने की अलग-अलग तारीख निर्धारित करने की मांग भी की गई है।

व्यापारियों ने मांग की हैं कि खरीद एवं बिक्री का रिटर्न एक साथ प्रस्तुत करने के लिए सिंगल रिटर्न सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। टेक्निकल एवं क्लेरिकल खामियों को सुधारने का मौका मिलना चाहिए।

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