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20 साल से तैर रहा है ‘राम’ लिखा हुआ 21 किलो का पत्थर

जिले के करजण में स्थित शिववाड़ी आश्रम में रामेश्वरम् से लाया गया पत्थर पिछले 20 वर्षोँ से पानी पर तैर रहा है। यह पत्थर यहां आने वालों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है। भक्त यही मानते हैं कि राम सेतु बनाने के लिए ऐसे ही पत्थरों का उपयोग किया

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 Apr 2016 04:33 AM (IST)Updated: Fri, 22 Apr 2016 04:40 AM (IST)
20 साल से तैर रहा है ‘राम’ लिखा हुआ 21 किलो का पत्थर

वडोदरा। जिले के करजण में स्थित शिववाड़ी आश्रम में रामेश्वरम् से लाया गया पत्थर पिछले 20 वर्षोँ से पानी पर तैर रहा है। यह पत्थर यहां आने वालों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है। भक्त यही मानते हैं कि राम सेतु बनाने के लिए ऐसे ही पत्थरों का उपयोग किया गया होगा।

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- आश्रम से मिली जानकारी के अनुसार, शिववाड़ी आश्रम के महंत भोलागिरी बापू करीब 20 साल पहले इसे रामेश्वरम से लाए थे।
- 21 किलो वजनी इस पत्थर पर 'राम' लिखा हुआ था।
- करजण लाए जाने पर पहले तो पत्थर की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
- उसके बाद करजण की शिववाड़ी में एक कुंड बनाया गया। जहां पत्थर को पानी पर रखा गया।
- यह पत्थर आज भी वहीं तैर रहा है। यहीं भोलेनाथ का मंदिर भी है।
- भक्तगण पत्थर के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। पत्थर का तैरना लोगों को एक रहस्य लगता है।


पत्थर नहीं, समुद्री जीव कोरल: साइंटिस्ट

- वडोदरा एम.एस. यूनिवर्सिटी की साइंस फैकल्टी के एन्वायरन्मेंटल साइंस विभाग के हेड अरुण आर्य के अनुसार, पानी में तैरने वाला यह पत्थर समुद्री जीव कोरल हो सकता है।
- जीवित कोरल प्राणी पत्थर जैसा ही दिखता है। मृत्यु के बाद भी वह पत्थर जैसा ही दिखता है।
- वह अंदर से खोखला होने के कारण पानी पर तैरता रहता है।
- कोरल मुख्यत: गर्म समुद्री पानी पर ही पाए जाते हैं। इनका वजन 20 से 50 किलो तक भी हो सकता है।


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