जानिए, क्यों मुसीबत में फंसी गुजरात कांग्रेस
गुजरात की भाजपा सरकार का विरोध कर रही गुजरात कांग्रेस सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी के बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी होकर मुसीबत में फंस गई है।
अहमदाबाद, जेएनएन। महंगाई व किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर गुजरात की भाजपा सरकार का विरोध कर रही गुजरात कांग्रेस सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी के बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी होकर मुसीबत में फंस गई है। उनके ही नेता अब अपने विधायकों की चुप्पी पर चुटकियां ले रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है की उनके विधायक बाहर महंगाई का विरोध कर रहे थे और सदन में जाकर खुद के वेतन बढ़ने पर सरकार के साथ जा बैठे, वेतन वृद्धि का विरोध करके कांग्रेस आज सरकार पर दबाव बना सकती थी।
राधनपुर से कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने कहा कि गुजरात विधानसभा में जब विधायकों की वेतन बढ़ोतरी का बिल पास हो रहा था, तब सदन में कांग्रेस के विधायक टेबल के नीचे हाथ मिलाकर अपनी खुशी व्यक्त कर रहे थे। सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी का बिल पारित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और नेता विपक्ष परेश धानाणी सरकार से खुश नजर आए। नेता विपक्ष को सदन में विधायकों की वेतन बढ़ोतरी के बिल का विरोध करना था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, न ही इसके बारे में कुछ बोला।
अल्पेश ठाकोर ने वेतन बढ़ोतरी लेने से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस महंगाई और किसानों की खर्च माफी को लेकर आंदोलन कर रही है। बुधवार को सरकार के विरोध में विपक्ष के नेता परेश धानाणी के नेतृत्व में विधायकों ने विधानसभा गृह तक साइकिल रैली निकाली थी। मगर विधानसभा गृह में वेतन बढ़ोतरी के बाद सरकार के प्रति विपक्ष के सुर बदल गए। किसानों के कर्ज माफी को लेकर किसी ने कुछ नहीं कहा। कांग्रेस विधायक पशोपेश में हैं कि वेतन बढ़ोतरी का विरोध करें या नहीं।
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा में बुधवार को विधायकों और मंत्रियों की वेतन वृद्धि से संबंधित विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। वेतन वृद्धि दिसंबर 2017 से लागू होगी अर्थात करीब सवा छह करोड़ का एरियर विधायकों को मिलेगा।