गुजरात में सोना 40200 के पार, ट्रेड वॉर ने बिगाड़ा बाजार का जायका
Gold price in Gujarat. मांग घटने के बावजूद सोने-चांदी के दाम में कहीं कमी नजर नहीं आ रही है। डॉलर मजबूत है लेकिन भारतीय रुपया का अवमूल्यन हुआ है।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। अमेरिका व चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर, वैश्विक मंदी व बाजार में नगदी की कमी ने सोना व चांदी के कारोबार को मंदा कर दिया है। लोग अब भी सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं, लेकिन लगातार बढ़ रहे सोने के दाम भी इसकी बिक्री पर असर डाल रहे हैं।
गुजरात में सोने का भाव 40200 प्रति दसग्राम के आंकड़े को छू गया है। वर्ष 1925 में सोना 18 रुपये 75 पैसे का दस ग्राम मिलता था। सोने ने 1950 में पहली बार 100 के आंकड़े को छूआ लेकिन आज 70 साल बाद सोने का दाम 400 गुना को भी पार कर गया। सोने चांदी के व्यापारी बताते हैं कि बिकवाली कम होने से उन्होंने भी सोना व चांदी की खरीद को काफी कम कर दिया है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक हरेश आचार्य का मानना है कि अमेरिका व चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के चलते वैश्विक मंदी का असर आने लगा है, सोने के दाम आज ऐतिहासिक स्तर पर हैं।
मांग घटने के बावजूद सोने-चांदी के दाम में कहीं कमी नजर नहीं आ रही है। डॉलर मजबूत है, लेकिन भारतीय रुपया का अवमूल्यन हुआ है। एबी ज्वैलर्स के निदेशक मनोज सोनी बताते हैं कि ट्रेड वॉर के चलते सोने चांदी के दाम में और बढ़ोतरी होगी, भारत में सोने में निवेश सुरक्षित माना जाता है लेकिन अब अन्य देशों में भी लोग इसमें निवेश कर रहे हैं जिससे सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, निकट भविष्य में इसके दाम और बढ़ेंगे। भारत में त्योहार व शादियों के सीजन के बावजूद लोग अब पुराने गहनों से ही नया गहना बनवाने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। भारत में सोना अब निवेश की प्राथमिकता में नहीं रहा है, हालांकि शेयर बाजार, रियल एस्टेट आदि की हालत भी ठीक नहीं लगती। बाजार में कैश का फ्लो काफी कम हो गया है, जिसके चलते वेट एंड वॉच की हालत है।
ज्वैलर्स एसोसिएशन ऑफ अहमदाबाद के उपाध्यक्ष जिगर सोनी बताते हैं कि इस बार मानसून काफी अच्छा है। शादियों का मौसम शुरू होने वाला है लेकिन इसके बावजूद सोना-चांदी की खरीद में कमी आई है। लोगों को नगदी की भी समस्या हो रही है। अहमदाबाद के सोनी व सोने के कारीगरों ने हाल ही एक बैठक कर राज्य सरकार से सोना-चांदी के व्यापारियोंकी मदद करनेकी मांग की है। उनका कहना है कि हीरा उद्योग की तरह ही सरकार को पैकेज का एलान करना चाहिए, ताकि इस व्यापार को बचाया जा सके।
सोनी व कारीगरों के विविध संगठनों के नेताओं का कहना है कि सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर साढ़े बारह प्रतिशत किए जाने तथा दो लाख से अधिक का सोना व ज्वैलरी खरीद करने के लिए परमानेंट अकाउंट नंबर पान अनिवार्य किए जाने से भी इस कारोबार को धक्का लगा है। बंगाली कारीगारों का कहना है कि सोने के दाम बढ़ने व रेडीमेड ज्वैलरी की खरीद का ट्रेंड बढ़ने से वैसे ही उनकी रोजी-रोटी छिन रही थी। अब बाजार पर छाए मंदी के संकट ने उनकी परेशानी को ओर बढ़ा दिया है।