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वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी का फाइन आर्ट्स फिर विवादों में

शहर की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स द्वारा बनाए गए न्यूड आर्ट को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 May 2016 06:33 AM (IST)Updated: Sun, 08 May 2016 06:37 AM (IST)
वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी का फाइन आर्ट्स फिर विवादों में

वडोदरा। शहर की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स द्वारा बनाए गए न्यूड आर्ट को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इतना ही नहीं, इन्हें देखने मुम्बई व अन्य शहरों से भी स्टूडेंट्स यहां पहुंच रहे हैं। कई लोगों ने आर्ट्स पर आपत्ति भी जताई है, लेकिन कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इनमें कोई अश्लीलता नहीं, बल्कि यह कला की अभिव्यक्ति है।

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- इसमें कई पेंटिंग्स न्यूड हैं, कुछ स्कल्पचर भी हैं, जो आकर्षण का केंद्र हैं।
- इनमें एक बात यह भी देखने में आई कि महिलाओं के न्यूड पेंटिंग्स बनाने वाली युवतियां भी शामिल हैं।
- इस एक्जीबिशन में विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने अपनी पेंटिंग्स, स्कल्पचर, एप्लाइड आर्ट समेत कई कलाकृति रखी हैं।
- पिछले साल भी एक छात्रा ने यहां न्यूड महिलाओं की पेंट्ग्सि एक्जीबिशन में रखी थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था।

छात्रा श्रेया शुक्ला ने बनाई न्यूड पेंटिंग्स
भास्कर से बाचतीत करते हुए श्रेया ने बताया कि मुझे न्यूडिटी और डेडबॉडी की पेंटिंग्स बनाना अच्छा लगता है। फाइन आर्ट्स की पेंटिंग्स डिपार्टमेंट की स्टूडेंट श्रेया शुक्ला ने न्यूड पेंटिंग्स तैयार की है। जिसमें युवक-युवती न्यूड दिखाई दे रहे हैं। श्रेया ने अन्य कई पेंटिंग्स भी बनाई है। जिसमें मानव के शव भी दिखाए गए हैं। पेंटिंग्स में युवक-युवती के बीच कोई रिलेशन नहीं बताया गया है। मैंने इसमें यह बताने की कोशिश की है कि मानव जब न्यूड होता है, तो अपने आपको कितना अनकंफर्टेबल महसूस करता है।

इंसान मानव जैसा है, मैंने उसे वैसा ही बताने की कोशिश की है। डेडबॉडी की पेंटिंग्स बनाने के पहले मैंने अस्पतालों में जाकर डेडबॉडी का गहन अध्ययन किया है। मुझे मेरी पेंटिंग्स में कुछ भी विवादास्पद नहीं लगता। यदि कोई महान चित्रकार न्यूड पेंटिंग्स बनाता है, तो कुछ नहीं होता, पर वैसे ही चित्र कोई स्टूडेंट बनाता है, तो विवाद खड़ा किया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

झूलती हुई महिला का न्यूड स्कल्पचर
फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स के स्कल्पचर डिपार्टमेंट के स्टूडेंट चैतन्य कौशिक ने भी कुछ न्यूड पेंटिंग्स बनाई है। उन्होंने एक झूलती हुई महिला का न्यूड स्कल्पचर बनाया है। एक और स्कल्पचर सोई हुई महिला का भी है। जो न्यूड है। स्टोन और मेटल से बनाए गए ये स्कल्पचर आकर्षण का केंद्र हैं। अपने स्कल्पचर के बारे में चैतन्य कहते हैं कि मैंने अपनी कला के माध्यम से अपनी बात रखने की कोशिश की है। इसमें मुझे किसी तरह की अश्लीलता दिखाई नहीं देती।

मुंबई से एक्जीविजन देखने आए
दर्शक प्राजी सहस्रबुद्धे ने बताया कि मैं पहली बार मुम्बई से केवल यही एक्जीबिशन देखने आई हूं। मैं सभी कलाकारों की तारीफ करती हूं, जिन्होंने इतनी मेहनत से ऐसी पेंटिंग्स बनाई है। कलाकृतियां अद्भुत हैं। मुझे बेहद अच्छी लगीं। अब मैं हर साल यह एक्जीबिशन देखने आऊंगी।


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