Gujarat Bypoll 2019: गुजरात में सतह पर आई भाजपा और कांग्रेस नेताओं की नाराजगी
Gujarat Bypoll 2019. गुजरात में अहमदाबाद की अमराईवाडी सहित गुजरात की छह विधानसभा सीटों पर आगामी 21 अक्टूबर को मतदान होगा।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात की छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर नाराजगी सतह पर आ गई है। पूर्व मंत्री शंकर चौधरी को टिकट नहीं मिलने से नाराज चौधरी समाज थराद, राधनपुर व बायड में भाजपा की मुश्किल बढ़ा सकता है, वहीं आंतरिक खींचतान से जूझ रही कांग्रेस डैमेज कंट्रोल के सहारे मैदान में है।
अहमदाबाद की अमराईवाडी सहित गुजरात की छह विधानसभा सीटों पर आगामी 21 अक्टूबर को मतदान होगा। भाजपा व कांग्रेस में टिकट वितरण के साथ ही गुटबाजी सतह पर आ गई है। पूर्व मंत्री शंकरभाई चौधरी को राधनपुर या थराद से टिकट मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन बताया जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के हस्तक्षेप के चलते चौधरी का पत्ता कट गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी भी चौधरी को संगठन में अपना प्रतिद्धदी मानते हैं, इसलिए इस मुद्दे पर उन्होंने भी नितिन पटेल का साथ दिया जिससे चौधरीका पत्ता कट गया।
दीपावली के बाद गुजरात सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है। अल्पेश व शंकर चौधरी दोनों मंत्री पद की रेस में थे, लेकिन अब चौधरी का पत्ता कट गया जिससे उनके समर्थक थराद व राधनपुर में भाजपा की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। उधर, थराद में सोमवार देर शाम आयोजित सभा में कम उपस्थिति देख चुनाव प्रचार करने पहुंचे सांसद परबत भाई पटेल भड़क गए।
बायड सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शंकर सिंह वाघेला के पुत्र व पूर्व विधायक महेंद्र सिंह वाघेला भाजपा उम्मीदवार का खेल बिगाड़ सकते हैं। अल्पेश के करीबी धवल सिंह झाला यहां भाजपा के टिकट पर ही मैदान में हैं। महेंद्र खुद यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ऐन मौके पर उनको समझा बुझा दिया।
वहीं, टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस भी अंतर्कलह का शिकार है। अहमदाबाद की अमराईवाडी सीट को लेकर वरिष्ठ मुस्लिम नेता बदरुद्दीन शेख ने तो खेरालूसे टिकट नहीं मिलने से प्रवक्ता जयराज सिंह परमार नाराज हो गए थे। इसके अलावा सोशल मीडिया में कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा के खिलाफ पोस्ट करने के लिए पार्टी ने मीडिया सेल के सदस्य जयेश गेडिया को पार्टी से ही निकाल दिया।
चावडा के विरोधी कांग्रेस आलाकमान तक संदेश भेजकर कहा कि चावडा के नेतृत्व में पार्टी के सात विधायक अलग हो गए। जीतकर भी 11 जिला पंचायतों में कांग्रेस अपना प्रमुख नियुक्त नहीं कर सकी और भाजपा ने कब्जा जमा लिया। 16 नगर पालिका व वडोदरा महानगर पालिका में भी कांग्रेस के साथ ऐसा ही हुआ। मतदान से कुछ दिन पहले राजनीतिक दलों में मचा घमासान नए राजनीतिक समीकरणों की ओर भी इशारा करता है।